बीहट : शहीद जितेंद्र मल्लिक को कविता लेखन के लिए भी किया गया था. सैन्य कार्य के साथ- साथ अपनी जन्मभूमि की गौरवमयी सांस्कृतिक एवं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता परंपरा को भी जिंदा रखा था जितेंद्र ने. सीआरपीएफ की हर वर्ष की भांति लिखी जानेवाली पुस्तकों में इस बार वह संभव नाम की पुस्तक में गागर में भरी सागर रूपी शब्दों से अपनी कविता को लिखा था. इसका विमोचन करते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक ने जितेंद्र को सैन्य अवार्ड से नवाजा था.
वह कुछ ही दिन पूर्व कमांडों की ट्रेनिंग पूरी की थी, जिसमें भी वह उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था. उक्त जानकारी सीआरपीएफ के अधिकारी एएसआइ राजो सहनी ने दी. भाकपा अंचल मंत्री रामरतन सिंह, प्रह्लाद सिंह, ओम प्रकाश सिंह, कौशल किशोर सिंह सहित अन्य लोगों ने भी श्रद्धासुमन निवेदित किया.