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40 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया

उदासीनता. बकायेदार मिलरों से रकम वसूल करने में प्रशासन विफल एक मिलर का आवासीय पता ट्रेस करने में नहीं मिली कामयाबी बिहारशरीफ : बकायेदार मिलरों से रकम वसूल करने में प्रशासन को अब तक कामयाबी नहीं मिल पायी है. बकाये रकम की वसूली करने में कई साल से महकमा विफल साबित हो रहा है. जिले […]

उदासीनता. बकायेदार मिलरों से रकम वसूल करने में प्रशासन विफल

एक मिलर का आवासीय पता ट्रेस करने में नहीं मिली कामयाबी
बिहारशरीफ : बकायेदार मिलरों से रकम वसूल करने में प्रशासन को अब तक कामयाबी नहीं मिल पायी है. बकाये रकम की वसूली करने में कई साल से महकमा विफल साबित हो रहा है. जिले के बकायेदार मिलरों पर 40 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. बकायेदारों पर कई स्तर की कार्रवाई के बाद भी रकम वसूली करने में प्रशासन को कामयाबी नहीं मिली है. धान से चावल कूटने के लिए मिलरों को अनुबंधित कई साल पहले की गयी थी. नीयत में खोट आने पर मिलरों द्वारा न तो चावल ही लौटाया गया नहीं धान. कई बार नोटिस देने के बाद सफलता नहीं मिलने पर कानूनी रास्ता अख्तियार प्रशासन के द्वारा किया गया. जिले के 41 से अधिक मिलरों पर बकाया रकम है. इसमें 22 प्रमादी मिलरों पर नीलामपत्र भी दायर किया जा चुका है.
क्या है मामला
सरकारी स्तर पर धान की खरीद के बाद उसकी कुटाई करने के लिए मिलरों को अधिकृत किया गया था. मिलरों को शर्तों के अनुसार धान देने के पूर्व को जितनी मात्रा में धान दिये जायेंगे. उसी अनुरूप मिलरों से गारंटी पत्र भी लिये जाने का प्रावधान था, ताकि चावल नहीं लौटानेवाले मिलरों की संपत्ति को जब्त कर रकम की वसूल की जा सके.
एक मिलर का नहीं ट्रेस हो रहा पता
बकायेदार मिलरों में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं. इसमें एक की मौत हो चुकी है तो एक मिलर का आवासीय पता ट्रेस नहीं हो रहा है. आवासीय पता नहीं मिलने से स्पष्ट हो रहा है कि जान-बूझ कर गलत पता दिया गया, जिससे की कार्रवाई से बचा जा सके. उक्त बकायेदार पर एक करोड़ 72 लाख रुपये की देनदारी है.
मिलरों को अनुबंध करने का अब बदल गया है तरीका : गड़बड़ी के कारण वर्तमान समय में नियमों में परिर्वतन कर दिया गया है. पैक्सों से धान खरीद कर चावल कुटकर राज्य खाद्य निगम को सुपुर्द करना है. मिलिंग कार्य करने के लिए मिलरों के साथ अनुबंध करने का अधिकार पैक्स को ही दिया गया है. इस सिस्टम से प्रशासन का टेंशन कम होने की बात कही जा रही है.
कार्रवाई एक नजर में
प्रारंभ से अब तक दायर मामलों की संख्या – 41
निष्पादित मामलों की संख्या – 07
लंबित मामलों की संख्या – 34
निर्गत वारंट की संख्या – 14
सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा नो कोरसिव आदेश – 10
उच्च न्यायालय के द्वारा कोरेसिव आदेश – 01
जिनकी मृत्यु हो गयी या लोकेशन उपलब्ध नहीं है – 0

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