राजगीर (नालंदा) : महोत्सव परिसर में लगाये गये उद्योग मेला में प्रथम दिन किसान प्रशिक्षण सह किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. राजगीर व सिलाव प्रखंड के आये लगभग सौ किसानों को मिट्टी व गेहूं उत्पादन से संबंधित जानकारी कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा दी गई. परियोजना निदेशक आत्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण शिविर में प्रति दिन तीन प्रखंडों के प्रति 90 किसानों को खेती बाड़ी कि गुर सिखाये जायेंगे. इसके लिए किसानों के लाने,
ले जाने व खाना पीना आदि की व्यवस्था भी कृषक परिभ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत किया जायेगा.
नुक्कड़ नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जानकारी : आत्मा के परियोजना निदेशक ने बताया कि यहां प्रत्येक दिन नुक्कड़ नाटक व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को कृषि कार्य व कृषि के आधुनिक तकनीक कि जानकारी दी जायेगी.
बीज टीकाकरण कि होगी शुरुआत : गुरुवार से बीज टीकाकरण कि शुरुआत हो रहा है. पांच वाहन को राजगीर महोत्सव में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जायेगा. जो पूरे जिले में बीज टीकाकरण का कार्य करेगी.
जीरो टिलेज मशीन खेती के लिए उपयुक्त:-
कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक उद्यान महाविद्यालय नूरसराय ने किसानों को प्रशिक्षण के दौरान कहा कि जीरो टीलेज मशीन तकनीक से गेहूं के बोआई करने में काफी फायदा है. इसका प्रयोग खेत में 30 से 40 प्रतिशत नमी रहने पर किया जाना चाहिए. इससे खर पतवार, कीड़े मकौड़े पर भी नियंत्रण मिलता है. कृषि विज्ञान केंद्र हरनौत के वैज्ञानिक डाॅ उमेश नारायण उमेश ने गेहूं की फसल में संतुलित उर्वरक का व्यवहार करने के लिए मिट्टी की जांच की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अच्छी उपज के लिए कम से कम तीन साल में एक बार मिट्टी की उर्वकता की जांच जरूरी है. उन्होंने कहा कि अभी तक किसान बंधु अपने खेतों में सिर्फ यूरिया और डीएपी का ही उपयोग करते है.
परंतु खेतों में उर्वरकता बनाये रखने के लिए 16 आवश्यक पोषक तत्व की आवश्यकता होती है. जिसमें कार्बण, हाईट्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैलशीयम, मैगनेशियम, सल्फर ये नौ मुख्य पोषक तत्व है. इसके अलावा जींक, आयरन, कॉपर, मैग्नीज, बोरोन, क्लोरीन व मोलीवडेनम हैं.