बिहारशरीफ: बीमारी के लक्षण प्रतीत होने के बाद ही उसकी चिकित्सीय जांच कर बेहतर ट्रीटमेंट किया जाये, ताकि मरीज समय पर दवा का सेवन कर बीमारी से निजात पाकर स्वस्थ हो सके. सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में मंगलवार से कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित डॉक्टरों के प्रशिक्षण शिविर का […]
बिहारशरीफ: बीमारी के लक्षण प्रतीत होने के बाद ही उसकी चिकित्सीय जांच कर बेहतर ट्रीटमेंट किया जाये, ताकि मरीज समय पर दवा का सेवन कर बीमारी से निजात पाकर स्वस्थ हो सके. सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में मंगलवार से कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित डॉक्टरों के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने के बाद यह बातें सीएस डॉ सुबोध प्रसाद सिंह ने कहीं.
उन्होंने कहा कि किसी भी आदमी में लेप्रोसी के संदिग्ध लक्षण मिले, तो उसकी गहन जांच बहुत ही जरूरी है. जांच में यदि बैक्ट्रिया पाया जाता है, तो अविलंब उसका इलाज शुरू किया जाना चाहिए. इसमें देरी नहीं की जानी चाहिए. संबंधित व्यक्ति को उचित जीवन रक्षक दवा यानी सही डोज दिया जाना चाहिए.
साथ ही मरीजों की निगरानी की जाये कि वह दवा का सेवन नियमित रूप से कर रहा है या नहीं. जिले को कुष्ठ बीमारी से मुक्त बनाने के उद्देश्य से जिले के डॉक्टरों को मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज करने के लिए ट्रेंड किया जा रहा है. इसके लिए दो बैच बनाये गये हैं. हर बैच में 30-30 डॉक्टर शामिल किये गये हैं. एक बैच में शामिल चिकित्सक दो दिनों तक इसके गुर सीखेंगे. इस अवसर पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ शैलेंद्र कुमार, डीएलओ डॉ रवींद्र कुमार, आशीष बाग, उमेश प्रसाद, के सुधाकर आदि मौजूद थे.