डीएम ने कहा, भूख से नहीं, बीमारी से हुई मौत
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राजगीर में भूख से एक व्यक्ति की मौत
डीएम ने कहा, भूख से नहीं, बीमारी से हुई मौत गया के खिजरसराय का रहने वाला था रामसूरत बिहारशरीफ/राजगीर (नालंदा) : पर्यटन नगरी राजगीर में भूख से एक व्यक्ति की मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है. मृतक 50 वर्षीय रामसूरत मांझी गया जिले के खिजरसराय का रहने वाला था. करीब चार वर्षों […]
गया के खिजरसराय का रहने वाला था रामसूरत
बिहारशरीफ/राजगीर (नालंदा) : पर्यटन नगरी राजगीर में भूख से एक व्यक्ति की मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है. मृतक 50 वर्षीय रामसूरत मांझी गया जिले के खिजरसराय का रहने वाला था. करीब चार वर्षों पूर्व वह अपने पुत्र छोटू के साथ काम की तलाश में राजगीर आया था. वह राजगीर बस स्टैंड के पास स्थित कलाली में काम करता था और अपना तथा अपने बेटे का पेट पालता था. शराबबंदी लागू होने के बाद उसका काम बंद हो गया.
इसके बाद वह पेट पालने के लिए पुत्र के साथ मिल कर कागज, बोतल व प्लास्टिक चुनने का काम करता था. इस धंधे से पिता-पुत्र को दो जून की रोटी नसीब होती थी. मृतक के पुत्र छोटू के अनुसार, उसके पिता ने पिछले 20 दिनों से कुछ नहीं खाया था. छोटू ने बताया कि भूखे रहने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया.
छोटू ने अपने पिता की भूख से मौत होने की बात कही है. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गये. शव का सदर अस्पताल, बिहारशरीफ में लाकर पोस्टमार्टम कराया गया. इधर, जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन ने स्थानीय हरदेव भवन में प्रेस वार्ता के दौरान रामसूरत मांझी की मौत भूख से होने की बात को गलत बताया है. डीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, रामसूरत मांझी की मौत हृदयाघात से हुई है.
उन्होंने बताया कि मृतक के शरीर से सेमी डाइजेक्ट फूड मैटेरियल पाया गया है. बीमारी के कारण रामसूरत ने विगत 10 दिनों से खाना नहीं खाया था. वहीं बीजेपी एमएलसी विनोद नारायण झा ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया कराने का कार्यक्रम चला रही है, मगर राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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