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हिलसा कोर्ट परिसर की सुरक्षा भगवान भरोसे

अनदेखी. काेर्ट परिसर में प्रवेश के लिए बने हैं तीन गेट, एक गेट पर मेटल डिटेक्टर से जांच सिविल कोर्ट के एक गेट को किया जायेगा बंद सिविल कोर्ट की सुरक्षा का एसपी ने लिया जायजा,कई बेहतर बदलाव की कही बात सीसीटीवी कैमरे की जद में रहेंगे लोग,मेटल डिटेक्टर की रहेगी व्यवस्था बिहारशरीफ : छपरा […]

अनदेखी. काेर्ट परिसर में प्रवेश के लिए बने हैं तीन गेट, एक गेट पर मेटल डिटेक्टर से जांच

सिविल कोर्ट के एक गेट को किया जायेगा बंद
सिविल कोर्ट की सुरक्षा का एसपी ने लिया जायजा,कई बेहतर बदलाव की कही बात
सीसीटीवी कैमरे की जद में रहेंगे लोग,मेटल डिटेक्टर की रहेगी व्यवस्था
बिहारशरीफ : छपरा सिविल कोर्ट में बम धमाके की घटना के बाद स्थानीय व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा पहले से सख्त कर दी गयी है.मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष सिविल कोर्ट की व्याप्त सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे.उनके साथ दूसरे पुलिस पदाधिकारी भी मौजूद थे.
एसपी ने बताया कि कोर्ट की सुरक्षा में कुछ बदलाव किये जा रहे हैं.कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे.इसके अलावे कोर्ट के तीन द्वार में से एक को स्थायी तौर पर बंद कर दिया जायेगा.शेष दोनों द्वार पर सुरक्षा की ठोस व्यवस्था करायी जा रही है.मेटल डिटेक्टर से लैस पुलिस कर्मियों को लगाया गया है.कोर्ट परिसर में सादी वरदी में भी पुलिस कर्मियों की तैनाती की जायेगी.
इस सभी महत्वपूर्ण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जायेगा.एसपी ने बताया कि संदिग्ध लोगों पर विशेष नजर रखने के लिए वहां तैनात पुलिस पदाधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.
हिलसा. जब-जब कही कोर्ट परिसर में बड़ी घटना होने के बाद ही कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिलता है पर कुछ दिन बीतने के बाद ही कोर्ट की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है. हिलसा कोर्ट का भी यही हाल है. इधर छपरा कोर्ट परिसर में हुए बम विस्फोट की घटना के बाद कुछ सुरक्षा कर्मी बढ़ा दिया गया है. फिर भी कोर्ट के कर्मी लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार छोड़ बाकी अन्य द्वार पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. कोर्ट परिसर में मात्र एक मेटल डिटेक्टर कर्मी के ऊपर हीं जांच का जिम्मा है.
हिलसा कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए तीन द्वार बनाये गये हैं, जहां आधिकारिक तौर पर दो द्वार ही मान्य बताया गया. पहला मुख्य द्वार एवं दूसरा कोर्ट हाजत द्वार के पास ही सिर्फ सुरक्षा कर्मी को लगाया जाता है, परंतु तीसरा द्वार से भी लोगों का आना-जाना होता है, लेकिन इस द्वार पर एक भी सुरक्षा कर्मी नहीं होते हैं. इसके अलावा कोर्ट परिसर में बन रहे भवन को लेकर बनाये गये द्वार से भी लोगों का आना-जाना भरपूर होता है. पर इसकी जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
चार सिपाही और एक हवलदार के भरोसे कोर्ट की सुरक्षा :
हिलसा कोर्ट परिसर की सुरक्षा मात्र चार सिपाही व एक हवलदार के भरोसे चल रहा था. कोर्ट परिसर की सुरक्षा में लगे एक कर्मी ने बताया कि जब कही कोर्ट परिसर में बड़ी घटना होती है या फिर बड़े न्यायिक अधिकारियों का आना होता है तभी ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाते हैं. उसके बाद हालत जस की तस ही बनी रहती है.
छपरा बम विस्फोट के बाद कोर्ट में बढ़ी सुरक्षा :
छपरा कोर्ट में हुए बम विस्फोट के बाद हिलसा कोर्ट परिसर के लिए सुरक्षा कर्मी के अलावे छह कर्मी को कोर्ट परिसर की सुरक्षा में लगा दिया गया है.
संदिग्धों की जांच के लिए मात्र एक मेटल डिटेक्टर :
कोर्ट परिसर में आने-जाने वाले लोगों व संदिग्धों पर नजर बनाने के लिए मात्र एक मेटल डिटेक्टर की सुविधा है. बताया गया है कि मेटल डिटेक्टर में कुल चार कर्मी थे, जिसमें दो कर्मी सेवानिवृत्त हो गये वहीं एक को ट्रेनिंग में भेजा गया है. खानापूर्ति के तौर पर मेटल डिटेक्टर का उपयोग न के बराबर किया जा रहा है. कोर्ट में तीन द्वार है लेकिन मेटल डिटेक्टर की सुविधा एक ही है. इसके कारण परेशानी का सबब बना रहता है.
रात में वीरान रहता है कोर्ट परिसर : हिलसा कोर्ट परिसर की सुरक्षा दिन में तो किया जाता है, परंतु रात में कोर्ट परिसर में क्या हो रहा है, कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, इसके लिए किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं लगायी गयी है. जहां शाम होने के बाद कोर्ट परिसर बिल्कुल अंधेरा एवं वीरान जैसा नजर आता है.

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