अगले सप्ताह तापमान की संभावना
रविवार-41 डिग्री
सोमवार -42 डिग्री
मंगलवार- 42 डिग्री
बुधवार -43 डिग्री
गुरुवार-43 डिग्री
शुक्रवार-43 डिग्री
शनिवार-42 डिग्री
भू-गर्भीय जल खिसका
राजगीर-40 फुट
वेन-05 फुट
नूरसराय-डेढ़ फुट
गिरियक-दो फुट
अन्य प्रखंडों में भी डेढ़ से दो फुट
क्या कहते हैं अधिकारी
गरमी को देखते हुए विभाग द्वारा सभी क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने को प्रयास चल रहा है.जहां भी पेयजल की कमी होगी वहां टैंकरों से पानी की व्यवस्था की जायेगी.भू-गर्भीय जलस्तर पर नजर रखने के लिए सभी प्रखंडों में टीम काम कर रही है.चापाकलों को ठीक करने के लिए प्रखंडस्तर पर टीम काम कर रही है’’
राजेश प्रसाद सिन्हा,एक्जीक्यूटिव इंजीनियर,पीएचइडी,बिहारशरीफ
गरमी कम होने का नामा नहीं ले रहा है.पारा लगातार चढ़ता ही जा रहा है.जिले का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.ऊमस व गरम हवाओं के चलने से लोगों को फजीहत हो रही है.हलक तर करने के लिए लोग होटल,रेस्टूरेंट व मिठाई की दुकानों में शरण ले रहे हैं.
सरकारी जलापूर्ति केंद्रों के जवाब देने के बाद निजी समरसेबल भी हो रहे फेल
भू-गर्भीय जलस्तर के खिंसकने से बढ़ती जा रही परेशानी
बिहारशरीफ : उमस भरी गरमी व गरम हवाओं ने लोगों को छांव में रहने को विवश कर दिया है.घरों से निकलना मुश्किल हो गया है.शनिवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.मौसम की जानकारों की मानें तो फिलहाल तापमान में गिरावट के कोई आसार नहीं हैं.अगले कुछ दिनों में तापमान के और बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है.उमस भरी गरमी से लोग परेशान हैं.लोगों के हलक सूख रहे हैं.स्थिति यह हो गयी है कि हलक तर करने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.शीतल पेय पदार्थ एवं मौसमी फल लोगों को केवल थोड़ी देर के लिए ही राहत दे पा रही है.
गिरते भू-गर्भीय जल के स्तर ने लोगों की परेशानियों में और इजाफा कर दिया है.जलापूर्ति केंद्रों व चापाकलों के फेल हो जाने के बाद निजी समरसेबल भी अब फेल होने लगे हैं.सरकारी जलापूर्ति केंद्रों में पाइप जोड़कर तो काम चलाउ बना दिया गया है,मगर निजी समरसेबल को पानी निकलने लायक बनाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं.स्थानीय रामचंद्रपुर के जगदीश प्रसाद व कमरूद्दीनगंज के बी.प्रसाद बताते हैं कि नलों से पानी गिरना बंद हो जाने के बाद उन्हें मजबूरी में समरसेबल गाड़ना पड़ा है.करीब तीन सौ फुट गहरे समरसेबल को लगाने में डेढ़ लाख रुपये खर्च करना सभी लोगों के बस की बात नहीं है.
संपन्न लोग तो समरसेबल लगा लेते हैं,मगर गरीब तबके के लोगों को आज भी नल व चापाकलों के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है.बिहारशरीफ शहरी क्षेत्र में भू-गर्भीय जलस्तर औसतम सौ फुट के करीब पहुंच गया है,वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भू-गर्भीय जल का स्तर 40-45 फुट के आसपास चला गया है.साधारण चापाकल इतनी गहराई से पानी खिसकने में हांफ रहे हैं,जिसके कारण चापाकलों के खराब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
भू-गर्भीय जलस्तर पर नजर रखने के लिए सभी बीस प्रखंडों के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में भू-गर्भीय जलस्तर की प्रत्येक सप्ताह जांच करती है.इसकी रिपोर्ट पीएचइडी के जिला कार्यालय को देनी है.वहां से यह रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाती है.रिपोर्ट के अनुसार जिले में भू-गर्भीय जलस्तर सबसे ज्यादा राजगीर क्षेत्र में दस फुट खिसका है.इसके बाद बने प्रखंड में पांच फुट व अन्य प्रखंडों में डेढ़ से दो फुट भू-गर्भीय जलस्तर खिसकने की सूचना है.
अप्रैल माह में 22 तारीख तम जबरदस्त लग्न है.चारों और बैंड-बाजे व शहनाई की आवाज गूंज रही है.शनिवार की दोपहर एनएच-31 पर देवी सराय मोड़ के पास जाम लग जाने से बराती वाहन फंसे गये.कड़ाके की धूप व उमस के बीच वाहन के खड़ा होने पर बरातियों को गरमी बरदाश्त नहीं हुई और व वाहन से बाहर निकल कर पानी की तलाश करने लगे.सड़क किनारे व होटलों से बोतलों में पानी भर कर बराती ले जाने लगे.
पानी लेने वालों की लंबी लाइन को देख कर होटल मालिक ने पानी नहीं होने की बात कक हर पानी देने से मना कर दिया.इसके बाद बराती मिनरल वाटर,विसलर आदि के बातलें गुमटियों से खरीद कर ले जाने गले.पास के गुमटियों में पानी की बोतलें खत्म हो जाने के बाद बरातियों को मायूस होकर लौटना पड़ा