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झुलसा शरीर गरमी से राहत मिलने का कोई रास्ता फिलहाल दिखायी नहीं पड़ रहा है. पारा लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है. सोमवार को जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. अप्रैल माह की शुरुआत में ही इस स्थिति से लोगों की परेशानियां लगातार बढ़ती ही जा रही है. भू-गर्भीय जल स्तर […]

झुलसा शरीर

गरमी से राहत मिलने का कोई रास्ता फिलहाल दिखायी नहीं पड़ रहा है. पारा लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है. सोमवार को जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. अप्रैल माह की शुरुआत में ही इस स्थिति से लोगों की परेशानियां लगातार बढ़ती ही जा रही है. भू-गर्भीय जल स्तर के लगातार गिरते जाने से नदी,नाले,तालाब,कुआं,बोर पंप व चापाकल सूखते जा रहे हैं. पेयजल संकट दिन व दिन गहराता जा रहा है.
बिहारशरीफ : गरमी के मौसम का अभी शुरू ही हुआ है और पारा 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. मौसम के जानकारों की माने तो हालात में फिलहाल राहत मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के स्त्रोत सूखने लगे हैं.
हालात ऐसे ही रहे तो शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह वर्ष पानी की दृष्टि से मुश्किल भरा हो सकता हे. क्षेत्र के नदी,नाले,तालाब,कुआं,बोर पंप व चापाकल सूखते जा रहे हैं. भू-गर्भीय जल स्तर के गिरने चापाकलों से गंदा पानी निकलने लगा है. पंचायतों द्वारा गाड़े गये कम गहराई वाले चापाकल फेल होते जा रहे हैं. जिले का औसत भू-गर्भीय जल स्तर पहुंचा 38 फुट :
जिले में भू-गर्भीय जल का स्तर 38 फुट पहुंच गया है. इसके कारण इंडिया मार्क टू एवं इंडिया मार्क थ्री को छोड़ कर अन्य चापाकल पानी उगलने में आनाकानी कर रहे हैं. इंडिया मार्क टू एवं थ्री आसानी से करीब 80 फुट नीचे से पानी खींच रहा है. पीएचइडी के बिहारशरीफ सब डिविजन में कुल चापाकल 19979 हैं. इनमें से 4214 चापाकल स्थायी रूप से खराब है. इंडिया मार्ग टू के 2992 एवं थ्री के 5344 चापाकल हैं जो सही है.
मणीराम अखाड़ा व मघड़ा ग्रामीण का जला मोटर :
शहरी क्षेत्र में भू-गर्भीय जल स्तर करीब 100 फुट नीचे चला गया हे. पानी के नीचे खिसकने से जलापूर्ति केंद्रों का मोटर पानी खींचने में असमर्थ हो जल जा रहे हैं.
शहर के मनीराम अखाड़ा जलापूर्ति केंद्र के अलावा मघड़ा ग्रामीण जलापूर्ति केंद्र का मोटर जल गया है. अभी कुछ दिन पूर्व ही मणीराम अखाड़ा जलापूर्ति केंद्र का मोटर जल जाने के बाद उसे बदला गया था. विभाग इन जलापूर्ति केंद्रों के मोटर को मंगलवार तक बदलने के लिए सक्रिय है.
इसी प्रकार राजगीर को पेयजल आपूर्ति करने वाले फाल्डू जलापूर्ति केंद्र का भी मोटर जल गया, जिसे विभाग ने बदल दिया है. वहीं हिलसा के कपसियावां जलापूर्ति केंद्र का मोटर जल गया है. यहां भी मंगलवार तक मोटर बदल दिया जायेगा.
10 बजते ही सड़कें होने लगी सुनसान : तेज धूप व तेज गरम हवाएं चलने से 10 बजते ही शहर की सड़कें सुनसान दिखाई पड़ने लगती है. जरूरी काम वाले लोग निकलते हैं,
मगर छाता लेकर और सिर व मुंह ढंक कर. गरमी में लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. गरमी को देखते हुए सरकारी व निजी विद्यालय सुबह के शिफ्ट में चल रही है, मगर छुट्टी दोपहर में होने के कारण घर लौटने वाले बच्चों को फजीहत झेलनी पड़ रही है.
क्या कहते हैं चिकित्सक :
” गरमी के दिनों में सेहत का विशेष ख्याल रखना जरूरी है. गरमी के कारण निर्जलीकरण, लू लगना, चक्कर आना, घबराहट होना, नकसीर आना, उलटी-दस्त, सनबर्न, घमौरिया आदि होती है. गरमी से बचने के लिए तरल खाद्य पदार्थों व मौसमी फलों को सेवन करना लाभदायक है.”
डॉ. के.के. मणी, चिकित्सक, वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी
”शहर के मणीराम अखाड़ा एवं मघड़ा ग्रामीण जलापूर्ति केंद्र का मोटर जल गया हे. इन दोनों जलापूर्ति केंद्रों के जले मोटर को बदलने की कार्रवाई की जा रही है. इन दोनों जलापूर्ति केंद्रों के जले मोटर को बदलने की कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार तक इन मोटरों को बदल दिया जायेगा. राजगीर में पेयजल आपूर्ति करने वाले फाल्डू जलापूर्ति केंद्र का मोटर जल गया था, जिसे बदल दिया गया है.
राजेश प्रसाद सिन्हा, एक्जीक्युटिव इंजीनियर, पीएचइडी, बिहारशरीफ

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