शेखपुरा : शहर के दल्लु चौक रेलवे लाइन के पास गुरुवार की अहले सुबह फेंके गये नवजात को एक नि:संतान महिला ने इस उम्मीद के साथ सदर अस्पताल पहुंचाया कि उसकी गोद भी बच्चों की किलकाली से गूंज उठेगी. सदर अस्पताल के एनएनसीयू में एक तरफ जहां नवजात जिंदगी के लिए मौत से जूझ रहा था, वहीं दूसरी ओर बच्चे को गोद में लेने के लिए कई हाथ अपने-अपने दावे ठोक रहे थे. लेकिन, जन्म देने वाली मां
जब हुसैनाबाद रोड रेलवे क्रॉसिंग से थेाड़ा दूर पश्चिम झाड़ी में नवजात को फेंक दिया, तब चंद घंटे के बाद ही इस दुनिया से रूखसत हो गया. दरअसल हसनगंज गांव निवासी भवेश ठाकुर की विवाहिता गुड़िया देवी ने एक लावारिस को झाड़ी से निकाल कर सदर अस्पताल पहुंचाया. महिला अस्पताल कैंपस में डॉक्टर के जवाब का इंतजार कर रही थी. वह बच्चे की जान बचाने के लिए अपने दम पर इलाज भी कराना चाहती थी. वहीं, महिला के अलावा शेखपुरा अंचल में कार्यरत कर्मी अरविंद कुमार भी बच्चे को गोद लेना चाहते थे. लेकिन, फरिश्ता बन कर जिस मां ने लावारिस बच्चे की बदौलत अपनी गोद को आबाद करना चाहा, उसे छोड़ कर नवजात इस दुनिया से ही रूखसत हो गया.