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कुव्यवस्था. विद्यालय की जगह ब्लॉक का अनुश्रवण कर रहे समन्वयक

शस्त्रों की जांच कर रहे गुरुजी एक शिक्षक दो-दो जगहों पर हैं प्रतिनियुक्त दो प्रभारी प्रधानाध्यापक भी हैं प्रतिनियुक्ति पर (नालंदा) : स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के कई शिक्षक ऐसे हैं, जो कई वर्षों से विभिन्न जगहों पर प्रखंड कार्यालय व बीईओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं. ये शिक्षक कई वर्षों से अपने विद्यालय में नहीं […]

शस्त्रों की जांच कर रहे गुरुजी

एक शिक्षक दो-दो जगहों पर हैं प्रतिनियुक्त
दो प्रभारी प्रधानाध्यापक भी हैं प्रतिनियुक्ति पर
(नालंदा) : स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के कई शिक्षक ऐसे हैं, जो कई वर्षों से विभिन्न जगहों पर प्रखंड कार्यालय व बीईओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं. ये शिक्षक कई वर्षों से अपने विद्यालय में नहीं गये हैं, जिससे विद्यालय व विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से उनका रिश्ता खत्म होता जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के करीब आधा दर्जन शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें अपने विद्यालय से कोई नाता नहीं है. बच्चों को शिक्षित करने व उनका भविष्य संवारने से मतलब नहीं रह गया है.
प्रखंड कार्यालय में जमे रहना इनका दैनिक कार्य का हिस्सा बन गया है. प्रखंड कार्यालय से मतलब रखने वालों को छोड़ कर अन्य लोग इन शिक्षकों को ब्लॉक का ही स्टाफ मानते हैं. जनगणना, बीएलओ, पैक्स चुनाव, पंचायत चुनाव, विधानसभा व लोक सभा चुनाव के अलावा शिक्षक नियोजन के नाम पर ऐसे शिक्षक सालों भर विद्यालय छोड़ कर प्रखंड कार्यालय में जमें रहते हैं. ऐसे शिक्षकों में विद्यालय के प्रभारी व सीआरसी समन्वयक भी शामिल हैं.
प्रभारी के विद्यालय में न जा कर प्रखंड में जमे रहने से विद्यालय कितनी अच्छी तरह संचालित होगी. यह जानकारी से समझा जा सकता है. सीआरसी समन्वयक को अपने सीआरसी के अंतर्गत सभी स्कूलों को अनुश्रवण करना होता है. मगर शिक्षक बहाली व प्रखंड की योजनाओं के अनुश्रवण करने में सालों भर लगे रहते हैं.
सूत्रों की मानें तो ऊपरी आमदनी व गलत तरीके से पैसे कमाने के चक्कर में ये शिक्षक प्रखंड कार्यालय में डेरा जमाये रहते हैं. जिले के वरीय अधिकारियों का दबाव पड़ने पर ये शिक्षक विद्यालयों से उपस्थिति पंजी मंगा कर हस्ताक्षर बनाते हैं.
शस्त्रों की जांच के लिए हैं प्रतिनयुक्ति पर
सरकार भले ही ऐसे शिक्षकों की बहाली विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने के लिए की हो. मगर ये शिक्षक धरातल पर कुछ और कर रहे हैं. स्थानीय मध्य विद्यालय के एक शिक्षक शस्त्र जांच करने में लगे हैं. इसकी प्रतिनियुक्ति वर्षों से शस्त्र जांच करने के लिए की हुई है.
गुरुजी को नहीं
पहचानते हैं छात्र
कई ऐसे गुरु जी हैं, जो वर्षों से अपने विद्यालय में नहीं गये हैं. पिछले छह वर्षों से कई शिक्षक प्रखंड कार्यालय में तो कई दूसरे विद्यालय में अपनी सेवा दे रहे हैं. विद्यालय के बच्चे ऐसे शिक्षकों को पहचानते तक नहीं हैं. विद्यालय के बच्चों से जब ऐसे शिक्षकों के बारे में पूछा जाता है, तो बचचे नाम सुनने की बात तो स्वीकार करते हैं. मगर चेहरा से नहीं पहचानने की बात करते हैं.
एक ही शिक्षक दो-दो जगहों पर प्रतिनियुक्त
प्रखंड क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय महवाचक के शिक्षक प्रेम प्रकाश को बीइओ द्वारा नवसृजित प्राथमिक विद्यालय धरमपुर में प्रतिनियुक्ति की गई है. हैरत की बात यह है कि ओम प्रकाश बीडीओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति लेकर जनगणना कार्य में लगे हैं.
मामले की गहन जांच हो
विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी चंद्र उदय कुमार ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में क्यों और किस नियमावली के तहत लगाया गया है. इसकी गहन जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए. शिक्षक जिन्हें राष्ट्र निर्माता कहा जाता है, उनसे किरानीगिरी का काम करवाना बहुत ही गलत है. उच्चाधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

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