बिहारशरीफ : दीपावली खुशी व रोशनी का पर्व है. इसमें घरों व दुकानों को अच्छी तरह सजाया जाता है तथा मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. प्रसाद के रूप में मिठाइयां बांटी जाती हैं. खुशी के इस माहौल में पटाखे भी खूब छोड़े जाते हैं. दीपावली के दिन देर रात तक लोग एक दूसरे को बधाइयों देने व खुशियां बांटने में मशगूल रहते हैं.
दीपावली की सबसे ज्यादा खुशी बच्चों में देखने को मिलती है. बच्चे काफी पहले दीपावली के आने का इंतजार करते रहते हैं. इसकी वजह यह है कि दीपावली की छुट्टी में स्कूल बंद तो रहते ही हैं, इस अवसर पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का आनंद उठाने के अलावा उन्हें भरपुर पटाखे छोड़ने का मौका जो मिलता है. बच्चों की इस खुशी में कोई खलल न हो,
इस बात को ध्यान अभिभावकों को रखना जरूरी है. बच्चों के छोड़े गये पटाखे कहीं आस पास के घरों में न चली जाये. इसके लिए बड़ों को इस पर नजर रखना जरूरी है. बच्चों को पटाखा बम फोड़ने न दिया जाये. यहीं सबसे बेहतर है. प्रत्येक वर्ष दीपावली के अवसर पर पटाखा छोड़ते वक्त दुर्घटनाओं की खबरें मिलती हैं. कई लोगों के झुलस जाने की खबरें भी मिलती है.
ऐसे में थोड़ी सी असावधानी से आपकी खुशियां गम में बदल सकती है. यह भी देखा जाता है कि घरों को लाइट से सजाने में बच्चे आगे रहते हैं. लाइटों से घर सजाना गलत बात नहीं है. मगर थोड़ी सी असावधानी से करेंट लगने का भी खतरा रहता है. ऐसे में बच्चे इससे दूर रहें तो बेहतर है.