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छात्राओं को भी बैठने के लिए बेंच-डेस्क नहीं
विभागीय उपेक्षा का दंश ङोल रहा प्रखंड का इकलौता +2 गल्र्स विद्यालय बिहारशरीफ/परबलपुर. प्रखंड का इकलौता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विभागीय उपेक्षा के कारण क्षेत्र के सैकड़ों छात्राओं को इंटरमीडिएट की शिक्षा प्रदान करने में विफल हो रहा है. विद्यालय को 2007-08 ई. में ही इंटरमीडिएट विद्यालय में अपग्रेड किया गया था. इसके भवन निर्माण तथा […]
विभागीय उपेक्षा का दंश ङोल रहा प्रखंड का इकलौता +2 गल्र्स विद्यालय
बिहारशरीफ/परबलपुर. प्रखंड का इकलौता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विभागीय उपेक्षा के कारण क्षेत्र के सैकड़ों छात्राओं को इंटरमीडिएट की शिक्षा प्रदान करने में विफल हो रहा है. विद्यालय को 2007-08 ई. में ही इंटरमीडिएट विद्यालय में अपग्रेड किया गया था. इसके भवन निर्माण तथा उपस्कर के लिए विभाग द्वारा आवश्यक राशि भी प्रदान कर दी गयी थी, लेकिन इंटरमीडिएट का भवन बनाने के लिए विद्यालय के पास भूमि का अभाव है.
पूर्व से संचालित कन्या उच्च विद्यालय के पास मात्र 15 डिसमिल जमीन उपलब्ध रहने के कारण यहां इंटरमीडिएट का न तो भवन बनाया जा सका और ना ही आवश्यक उपस्कर ही खरीदे जा सके हैं. नतीजा यह है कि विद्यालय को इंटरमीडिएट संचालन के लिए दी गयी राशि 2011 ई. में वापस लौट गयी और विद्यालय की छात्राओं को इंटरमीडिएट तक पढ़ने की तमन्ना अधूरी रह गयी. आसपास के दर्जनों गांवों में इंटर स्तरीय विद्यालय के अभाव के कारण लड़कियों के इस कन्या विद्यालय से क्षेत्र की छात्राओं के साथ-साथ अभिभावकों को बड़ी उम्मीदें थी.
गल्र्स हॉस्टल के लिए मिले 1.63 करोड़ रुपये
विद्यालय में जमीन के अभाव के कारण इंटरमीडिएट भवन निर्माण की राशि लौट जाने की जानकारी रहने के बावजूद अब विद्यालय को गल्र्स हॉस्टल के निर्माण के लिए एक करोड़ 63 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं. ग्रामीण इसे बहुत बड़ी विडंबना मानते हैं. उनका कहना है कि जब विद्यालय केपास आवश्यक भूमि का अभाव है तो पहले विभाग को इसके लिए आवश्यक भूमि की व्यवस्था की जानी चाहिए थी.
विद्यालय की माध्यमिक कक्षाएं भी बदहाल
विद्यालय में नामांकित लगभग 550 छात्राओं को बैठने के लिए यहां मात्र चार कमरे हैं. ऐसे में विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है. इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के नामांकित रहने के बावजूद विद्यालय के पास न तो पर्याप्त बेंच-डेस्क की व्यवस्था और ना ही अन्य संसाधन ही मौजूद हैं. यहां तक की विद्यालय की छात्राओं के लिए एक कॉमन रूम तक नहीं है. पिवद्यालय की छात्र नेहा कुमारी ने बताया कि चार कमरों में छात्राओं के 10 सेक्शन की पढ़ाई होती है, जिसमें बेंच उपलब्ध नहीं रहने पर आधी से अधिक छात्राओं को खड़ा रहना ही पड़ता है.
प्रयोगशाला के उपकरण आलमारी में
विद्यालय में कमरों की कमी का आलम यह है कि विद्यालय में उपलब्ध प्रयोगशाला के उपकरण आलमारी में ही बंद रहते हैं. इसी प्रकार पुस्तकालय की किताबें भी आलमारी की ही शोभा बढ़ाते हैं. यहां प्रधानाध्यापक े साथ-साथ अंग्रेजी शिक्षक का पद भी वर्षो से खाली पड़ा है. जिसके कारण छात्राओं में अलग से अंग्रेजी का ट्यूशन पढ़ना पड़ता है. विद्यालय में खेल का मैदान तथा खेल सामग्रियों के अभाव के कारण भी यहां की छात्राएं खेलकूद की सुविधाओं से महरूम हो रही है.
विद्यालय में मौजूद सुविधाएं
भवन – कार्यालय समेत 6 कमरे
बिजली – है.
पेयजल – 2 चापाकल
शौचालय – 2
उपस्कर – अपर्याप्त
चहारदीवारी – नहीं
खेल का मैदान – नहीं
प्रयोगशाला – नहीं
पुस्तकालय – नहीं
शिक्षक – इंटरमीडिएट में नहीं, माध्यमिक में 10
छात्राएं – इंटरमीडिएट में नहीं, माध्यमिक में 550.
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