बिहारशरीफ : पिछले साल धान से चावल बना कर देनेवाली मिलों की गड़बड़ी से काफी किरकिरी हुई थी. इससे बचने के लिए इस साल जिला प्रशासन एकदम सतर्क है. चावल में पिछले साल कई तरह की शिकायतें मिली थीं. इसमें घटिया व टूटा चावल देने का मामला सामने आया था. इसको देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने कड़े प्रावधान किये हैं.
प्रभारी डीएमएफसी रामबाबू ने बताया कि पैक्सों व मिलरों को चावल की बोरी पर मिल का नाम लिखना होगा. बोरी में चावल का वजन, संबंधित पैक्स का नाम, टैग नंबर भी अंकित करना होगा. इससे होगा यह कि बोरे से चावल की पहचान कर ली जायेगी कि अमूक लॉट का चावल किस मिल या पैक्स का है. गोदाम प्रभारी से लेकर सभी को आदेश दिया गया है कि लिखित बोरे को ही जमा लेना है. इस साल जिले को एक लाख 50 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य है. धान की खरीद के साथ चावल जमा करने का भी काम शुरू हो गया है.
चावल लेने के लिए राज्य खाद्य निगम एवं असैनिक आपूर्ति निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
धान से चावल बना कर देने में गड़बड़ी रोकने की पहल
23 हजार 395 एमटी धान की हुई खरीद
चूक नहीं हो, इसलिए होगी मॉनीटरिंग
धान की खरीद कसे लेकर सीएमआर जमा करने की लगातार निगरानी की जायेगी. इस बार जल्दी चावल जमा करने से अधिकारियों को शंका हो रही है. डीएमएफसी प्रभारी रामबाबू ने बताया कि सीएमआर चावल जमा लेने से पहले हर तरह से जांच करने का आदेश सहायक डीएमफसी को दिया गया है.
उनका तो यह भी मानना है कि कुछ ऐसे चावल मिलर भी हैं जिसके पास भूसा भी नहीं और चावल जमा करने के लिये निरंतर कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने बताया कि चावल की गुणवत्ता के साथ प्रावधानों के अनुसार ही चावल जमा लिये जायेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 15 हजार क्विंटल सीएमआर लिया जा चुका है. वहीं, जिले में 23 हजार 395 एमटी धान की खरीद हुई है.