मुजफ्फरपुर: चुनाव के कारण एइएस से बचाव की तैयारी अधूरी रह सकती है. ऐसा स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है. दूसरे विभागों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला तो जागरूकता अभियान भी पूरा होने में अधिकारियों को संशय दिख रहा है.
एइएस की जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग को शिक्षा, नलकूप, पीएचइडी विभाग सहित बीडीओ, सीडीपीओ व पंचायती राज पदाधिकारी का सहयोग चाहिए. लेकिन अभी से पदाधिकारी चुनाव कार्य में व्यस्त हो गये हैं. ऐसी स्थिति में बीमारी के पीरियड में भी इन अधिकारियों का सहयोग मिलना असंभव है.
बीमारी के समय ही चुनाव
जिले में चुनाव 7 मई को है. जबकि बीमारी प्रति वर्ष अप्रैल के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाती है. इस दौरान सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी चुनाव कार्य में लगे रहेंगे. कई डॉक्टरों की डय़ूटी भी चुनाव के लिए होगी. ऐसी स्थिति में पीएचसी में बीमार बच्चों का प्राथमिक इलाज व जिला स्तर पर उसकी मॉनटरिंग करना स्वास्थ्य विभाग को मुश्किल दिख रहा है. अधिकारी एइएस से बचाव की प्लानिंग तो कर रहे हैं, लेकिन उसे पूरा कर पायेंगे या नहीं, उन्हें नहीं मालूम.
जुटा है पूरा महकमा
पिछले वर्ष एइएस की जागरूकता व बचाव के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद था. सभी विभागों को जागरूकता व बचाव की जिम्मेदारी दी गयी थी. बावजूद 58 बच्चों की मौत हुई. लेकिन चुनाव के कारण जिला प्रशासन चाह कर भी उतनी व्यवस्था नहीं कर पायेगा. चुनाव में व्यस्तता के कारण जन प्रतिनिधि भी बीमार बच्चों को पीएचसी तक पहुंचाने में सहयोग नहीं कर पायेंगे.