शहर में जाम का प्रमुख कारण बेतरतीब तरीके से हो रहा ऑटो का परिचालन व चौक चौराहों पर अतिक्रमण है. दिन-प्रतिदिन ऑटो की संख्या में इजाफा हो रहा है, इस पर कोई रोक नहीं. जब कभी अभियान चलता है ऑटो यूनियन के नेता राजनीति शुरू कर देते हैं और अभियान ठप हो जाता है. वहीं अतिक्रमण फुटपाथी दुकानों के साथ स्थायी दुकानदार भी करते है.
स्थायी दुकानदार अपनी दुकान पांच से आठ फिट तक सड़क पर लगाये रहते हैं. ऐसे में इन दुकानों पर जानेवाले ग्राहक सड़क पर गाड़ी खड़ी करते हैं और जाम की स्थिति पैदा होती है. वहीं शहर में चारों ओर धड़ल्लेे से एक नयी सब्जी व मछली मंडी का तेजी से विस्तार हो रहा है.
सरैयागंज से पंकज मार्केट रोड, छोटी सरैयागंज रोड, अखाड़ाघाट रोड में 5 से 10 फिट तक सड़क पर सब्जी, मछली की दुकान सजी हुई है. दो तीन महीनों में एक बार अभियान चलता है और फिर वह ठंडे बस्ते में चला जाता है.
मुजफ्फरपुर : शहर के लिए जाम कोई नयी बात नहीं है. शायद ही ऐसा कोई दिन बिता हो जिस दिन शहर से लेकर एनएच पर कही जाम ना फंसा हो. सोमवार को तो खासकर जाम लगना तय ही रहता है. अखाड़ाघाट पुल दोपहर में करीब दो घंटे तक पूरी तरह जाम में पैक रहा. जिसमें स्कूल बस, एंबुलेंस व दर्जनों यात्री वाहनों के साथ फंसे हुए थे. पुल के समीप सिकंदरपुर नाका होने के बावजूद स्थानीय लोगों ने अपने सूझबूझ से जाम को खत्म कराया. यहां सुबह, दोपहर व शाम को जाम लगना आम बात है.
जाम का प्रमुख कारण सिकंदरपुर नाका के समीप सड़क पर ऑटो का अवैध पड़ाव पुल के दोनों ओर खुली अवैध मांस की दुकान है. वहीं शाम को भी सरैयागंज से अखाड़ाघाट रोड में लंबा जाम फंसा हुआ था. इस रोड में भी जाम का प्रमुख कारण ऑटो का अवैध पड़ाव है. सरैयागंज चौराहे के चारों ओर ऑटो का अवैध स्टैंड लगा रहता है, कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद सिकंदरपुर मोड़ पर भी ऑटो के अवैध स्टैंड लगा रहता है. इसके अलावा मोतझील, अघोरिया बाजार, स्टेशन रोड, ब्रह्मपुरा, इमली-चट्टी रोड में भी दोपहर में जाम की स्थिति बनी रही.
शमन की शक्ति बाइक जांच सिमटी
सरकार ने परिवहन नियम का पालन कराने व यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाये रखने के लिए पुलिस को परिवहन नियम के तहत कुछ धाराओं के तहत कार्रवाई के लिए शमन की शक्ति प्रदान की. लेकिन चौक चौराहों पर तैनात पुलिस केवल बाइक की जांच करते है. वहीं बीच चौक पर ऑटो चालक ऑटो रोककर सवारी बैठाते व उतारते रहते है इनका चालान नहीं होता है. कमोबेश यही स्थिति शहर के सभी चौक चौराहों की है.