चपरासी के नाम के खाते पर 14 करोड़ के कारोबार संचालन मामला
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पुलिस जांच में हुआ खुलासा, कोर्ट में सौंपी गयी केस डायरी
चपरासी के नाम के खाते पर 14 करोड़ के कारोबार संचालन मामला मुजफ्फरपुर : चपरासी कुणाल के खाते पर आभूषण कारोबारी राजकुमार गोयंका और अशोक कुमार गोयंका के द्वारा 14 करोड़ रुपये के कारोबार के मामले में पुलिस ने अहम खुलासा करते हुए इससे संबंधित साक्ष्य न्यायालय को समर्पित कर दिया है. चपरासी के खाते […]
मुजफ्फरपुर : चपरासी कुणाल के खाते पर आभूषण कारोबारी राजकुमार गोयंका और अशोक कुमार गोयंका के द्वारा 14 करोड़ रुपये के कारोबार के मामले में पुलिस ने अहम खुलासा करते हुए इससे संबंधित साक्ष्य न्यायालय को समर्पित कर दिया है. चपरासी के खाते से लेन देन का मैसेज कारोबारी गोयनका बंधु के निजी मोबाइल पर पहुंचने का खुलासा छानबीन के दौरान हुई है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिठनपुरा थाने में दर्ज प्राथमिकी में जमानत के लिए दोनों कारोबारी बंधुओं ने अग्रिम जमानत का आवेदन न्यायालय में दिया है. सुनवाई से पूर्व न्यायालय ने केस डायरी की मांग अनुसंधानक से की थी. न्यायालय को सौंपे डायरी में अनुसंधानक सुजीत कुमार ने स्पष्ट किया है कि आइसीआइसीआइ बैंक में कुणाल के नाम से खोले गये खातों का संचालन उसका मालिक ही करता था. इसके लिए कुणाल के नाम पर खोलवाये गये खाते में मैसेज अलर्ट के लिए दिया गया मोबाइल नंबर आरोपित कारोबारी की ही है. जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि कारोबारी ने वर्ष 2009 में अपने नाम से तीन अन्य खाता भी खोला था.
कुणाल के खाते में दिये गये मोबाइल नंबर को ही 2009 में खोले गये खाते में मैसेज अलर्ट के लिए दे रखा था. अनुसंधानक कारेाबारी के उक्त तीनों खाते का विस्तृत ब्योरा भी बैंक से निकालने की कवायद शुरू कर दी है.
पुलिस ने न्यायालय को सौंपे डायरी में आर्थिक रूप से कमजोर चपरासी कुणाल के विवशता को भी दर्शाया है. डायरी में आर्थिक तंगी झेल रहे कुणाल के पैसे के अभाव में आंख का ऑपरेशन तीन साल से नहीं कराये जाने करवा पाने की बात को दर्शाया गया है. साथ ही टीवी रोग से ग्रसित उसके पिता की सरकारी अस्पताल में इलाज के साथ ही रुपये के अभाव में घर के हालात का भी जिक्र किया गया है.
मिठनपुरा में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
नोटबंदी में बड़े लेन देन के मामले को लेकर इनकम टैक्स की टीम 22 दिसंबर 2016 को ने गोयंका बंधुओं के व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर छापेमारी की थी. पूछताछ के दौरान मालीघाट निवासी चपरासी कुणाल ने पूछताछ में स्पष्ट किया था कि उसने अपना बैंक एकाउंट नहीं खोल रखा है. इनकम टैक्स अधिकारियों की सलाह पर कुणाल ने राजकुमार गोयंका और अशोक कुमार गोयंका के विरुद्ध मिठनपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में उसने दोनों कारोबारी पर फर्जी ढंग से खाता खोल करोड़ों का कारोबार संचालन का आरोप लगाया था. मामले की जांच कर रही पुलिस कुणाल के नाम के संचालित चार खातों का ब्योरा बैंक से हासिल किया था. उक्त ब्योरे के आधार पर ही न्यायालय में केस डायरी दाखिल की गयी है.
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