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नीता पांडेय पर लगे 12 आरोप सही

मुजफ्फरपुर : ला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) नीता पांडेय ने स्थापना शाखा प्रभारी के रूप में 12 महीने में 12 ऐसे काम किये, जो नियम के खिलाफ थे. इनमें फर्जी टीइटी शिक्षकों की सीडी जांच के बगैर वेतन भुगतान जैसे संगीन मामले शामिल हैं. डीपीओ के खिलाफ 15 आरोप लगे थे, जिनकी जांच एसडीओ पश्चिमी रंजीता […]

मुजफ्फरपुर : ला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) नीता पांडेय ने स्थापना शाखा प्रभारी के रूप में 12 महीने में 12 ऐसे काम किये, जो नियम के खिलाफ थे. इनमें फर्जी टीइटी शिक्षकों की सीडी जांच के बगैर वेतन भुगतान जैसे संगीन मामले शामिल हैं. डीपीओ के खिलाफ 15 आरोप लगे थे, जिनकी जांच एसडीओ पश्चिमी रंजीता ने की, जिनमें 12 सही पाये गये. इससे संबंधित 26 पेज की रिपोर्ट एसडीओ ने

नीता पांडेय पर
डीएम धर्मेंद्र सिंह को सौंपी है. वेतन भुगतान के साथ नियोजित शिक्षकों की सेवा पुस्तिका अपडेट करने में गड़बड़ी और शिक्षकों के प्रोमोशन में धांधली का आरोप भी डीपीओ पर है.
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ व बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट ने तत्कालीन डीपीओ स्थापना नीता पांडेय की शिकायत की थी. इसमें उन पर मनमानी, स्वेच्छाचारिता व नियम विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया गया था. इनमें पटना में फ्लैट खरीदने जैसे आरोप भी लगाये गये थे.
जो बड़ा आरोप है, उनमें नियोजित शिक्षकों के वेतन निर्धारण दो नवंबर, 2015 तक करना था, लेकिन अंतिम तिथि तक एक भी शिक्षक का वेतन निर्धारण नहीं किया गया था. इस कारण डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्व शिक्षा अभियान नीता पांडेय को 11 दिसंबर, 2015 को स्थापना शाखा का प्रभारी बनाया गया. नवंबर, 2016 के पहले सप्ताह में शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी. शिक्षक संगठनों ने डीपीओ पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए प्रशासन व विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसमें अन्य आरोपों के साथ फर्जी टीइटी शिक्षकों को गलत तरीके से वेतन भुगतान का मामला था. इस कारण आठ नवंबर, 2016 को डीएम के आदेश पर डीइओ एसएन कंठ ने नीता पांडेय से स्थापना का प्रभार वापस ले लिया.
एसडीओ पश्चिमी की जांच रिपोर्ट
26 पेज की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी
डीपीओ पर हो सकती है कार्रवाई
बिना सीडी मिलान वेतन भुगतान जैसा संगी
न आरोप
परिवर्तनकारी प्राशिसं व प्राशिसं गोप गुट ने की थी शिकायत
इनमें हो विभागीय जांच
1. 25 मार्च, 2010 को परीक्षा केंद्र अधीक्षक रहते हुए पटना में फ्लैट निबंधन कराया
2. गृह जिले में पदस्थापन
ये आरोप नहीं हुए साबित
1. प्रभाव के बल पर स्थापना व सर्व शिक्षा अभियान में पदस्थापन
2. शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी
3. डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार
4. सीआरसी समन्वयक वर्जी मोतीपुर के चयन में अनियमितता
अनियमितता
12 महीनों में 12 काम पर सवाल
मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं, वे पूरी तरह गलत हैं. जांच के दौरान सभी बिंदुओं पर मैंने अपनी ओर से पूरे साक्ष्य दिये, लेकिन उसे अनदेखा किया गया. गृह जिले में पदस्थापन के संबंध में गजेटियर के साथ अपना पक्ष रखा था. सेवा पुस्तिका सत्यापन, वेतन भुगतान व प्रोमोशन में भी मेरे स्तर से कोई अनियमितता नहीं हुई.
नीता पांडेय, डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान
शिक्षकों का वेतन निर्धारण एवं सेवा पुस्तिका सत्यापन में अनियमितता
मध्य विद्यालय, बिरहिमा बाजार के संकुल समन्वयक मनोज कुमार को राजकीय पुरस्कार दिलाने में सहायता/अनियमितता.
शिक्षकों की प्रोन्नति व पदस्थापना में गड़बड़ी
प्राशिसं के अंचल सचिव सकरा के विदाई समारोह के लिए स्कूलों का सुबह संचालन कराना
मध्य वि., मणिकपुर के शिक्षक लखेंद्र प्रसाद सिंह की प्रोन्नति में अनियमितता
ऊषा कुमारी के एचएम पद पर प्रोन्नति में गड़बड़ी.
सर्वशिक्षा अभियान मद में शिक्षकों के वेतन आवंटन में अनियमितता
फर्जी टीइटी पास शिक्षकों को बिना सीडी मिलान किये वेतन भुगतान
मध्य विद्यालय, मड़वन के एचएम रामनिवास सिंह पर एमडीएम में अनियमितता के बावजूद कार्रवाई न करना

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