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पहले चरण के लिए सितंबर, 2016 थी डेडलाइन

राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ने जतायी आपत्ति मुजफ्फरपुर : किसानों के कल्याण के लिए लोक कल्याणकारी योजना तैयार करने के लिए पूरे देश में कृषि गणना करायी जाती है. हालांकि, जिले में अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं. कृषि गणना तीन चरणों में पूरी होती है. सरकार ने सितंबर, 2016 […]

राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ने जतायी आपत्ति

मुजफ्फरपुर : किसानों के कल्याण के लिए लोक कल्याणकारी योजना तैयार करने के लिए पूरे देश में कृषि गणना करायी जाती है. हालांकि, जिले में अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं. कृषि गणना तीन चरणों में पूरी होती है. सरकार ने सितंबर, 2016 तक पहला चरण पूरा करने का निर्देश दिया था, लेकिन केवल सकरा अंचल की रिपोर्ट ही अभी तक सरकार को मिली है. शेष 15 अंचल ने रिपोर्ट नहीं दी है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने डीएम धर्मेंद्र सिंह को पत्र लिख कर आपत्ति जतायी है. उन्हें निर्देश दिया है कि जिन अंचलों से रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है, वहां के अंचलाधिकारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजें. साथ ही संबंधित अंचल के राजस्व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करें. जानकारी हो कि कृषि गणना का दूसरा चरण इसी माह शुरू होना था. गणना की रिपोर्ट केंद्र सरकार के कृषि, सहकारिता व किसान कल्याण विभाग को भी भेजी जानी है.
हर पांच साल पर होती है गणना
भारत में कृषि गणना की शुरुआत वित्तीय वर्ष 1970-71 में हुई थी. यह प्रत्येक पांच साल पर होती है. फिलहाल देश में दसवीं कृषि गणना का काम हो रहा है. इसमें एक जुलाई 2015 से 30 जून 2016 तक के रिकॉर्ड को समाहित किया जायेगा. कृषि गणना का उद्देश्य वर्ग व जातिवार किसानों की जोत जमीन, उसका क्षेत्रफल, उनके द्वारा अपनायी गयी कृषि पद्धति, फसलवार सिंचाई की व्यवस्था, असिंचित क्षेत्रफल के बारे में जानकारी प्राप्त करना है. इसी के आधार पर केंद्र सरकार कृषि व किसानों के विकास के लिए योजनाएं तैयार करती है.

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