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दूसरों का कालाधन सफेद करते थे राजकुमार गोयनका
मुजफ्फरपुर: शुक्रवार की देर रात आयकर विभाग की जांच में यह बात सामने आयी कि पुरानी बाजार के ज्वेलर्स व्यवसायी राजकुमार गोयनका अपने अलावा दूसरों की ब्लैक मनी भी सफेद करता था. इसके लिए उसने बोगस कंपनी बना रखी थी. इसमें यह लंबे समय के लिए रुपये लगाता था. फिर उस कंपनी से रुपये निकाल […]
मुजफ्फरपुर: शुक्रवार की देर रात आयकर विभाग की जांच में यह बात सामने आयी कि पुरानी बाजार के ज्वेलर्स व्यवसायी राजकुमार गोयनका अपने अलावा दूसरों की ब्लैक मनी भी सफेद करता था. इसके लिए उसने बोगस कंपनी बना रखी थी. इसमें यह लंबे समय के लिए रुपये लगाता था. फिर उस कंपनी से रुपये निकाल भी लेता था. इस कंपनी का कोई वजूद नहीं था. कंपनी सिर्फ पेपर पर थी. इसके माध्यम से काली कमाई को सफेद करने का खेल चलता था. अब विभाग इस तहकीकात में जुटा है कि राजकुमार गोयनका ने किन-किन लोगों की काली कमाई सफेद की है. आयकर विभाग चपरासी के खाते से 13 करोड़ का ट्रांजेक्शन करने के मामले में भी सभी वित्तीय लेन-देन की जांच करेगा.
घर व दुकान पर चिपकाया नोटिस
करोड़ों की टैक्स चोरी करनेवाले पुरानी बाजार में पूजा ट्रेडर्स कंपनी व कांता सेल्स कॉरपोरेशन के मालिक राजकुमार गोयनका व अशोक कुमार गोयनका शुक्रवार को भी इनकम टैक्स अधिकारियों के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. अधिकारी शुक्रवार की सुबह पुरानी बाजार स्थित उनके घर व प्रतिष्ठान के बाहर नोटिस चिपका कर सीवान रवाना हो गये.
नोटिस में प्रोपराइटर राजकुमार गोयनका को 26 दिसंबर को पटना कार्यालय बुलाया गया है. अन्वेषण के सहायक आयकर निदेशक एमके प्रभात की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि खाता-बही व अन्य कागजात के साथ निर्धारित समय पर उपस्थित हों. आपको तबतक मौजूद रहना है, जबतक वहां से जाने के लिए मेरी अनुमति प्राप्त नहीं हो. यदि आप जरूरी साक्ष्य नहीं देंगे, तो आपको प्रति गलती दस हजार रुपये जुर्माना देना होगा. साथ ही आयकर अधिनियम 1961 के तहत कार्रवाई की जायेगी.
2011 से मांगा गया कारोबार का ब्योरा
अधिकारियों ने प्राेपराइटर से 2011 से किये गये कारोबार का ब्योरा मांगा है. इस दौरान व्यापारिक लेन-देन सहित परिवार के सदस्यों के अलावा व्यक्तिगत रूप से खर्च की गयी राशि, खरीदे जानेवाले सामान का विवरण व राशि सहित पूरा ब्योरा मांगा है. गुरुवार की सुबह से रात भर कागजात के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं. इसमें करोड़ों के लेन-देन की पुष्टि हुई है. अधिकारियों को कई बैंक खातों के साथ ज्वेलरी व सिम कारोबार के कागजात भी मिले हैं. हालांकि 2011 से अबतक कितने का कारोबार हुआ है, इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. सूत्रों की मानें तो विभाग की नजर बचा कर करोड़ों का कारोबार किया गया है.
जांच में मिला चार्टर्ड अकाउंटेंट का मुहर
जांच में आयकर विभाग काे दो चार्टर्ड अकाउंटेंट का मुहर भी मिला है. विभाग इस बात की जांच में जुटा हुआ है कि आखिर चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुहर से प्रोपराइटर कौन-सा काम करते थे. अधिकारियों ने यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों से अलग-अलग बुला कर पूछताछ की गयी. साथ ही कांता सेल्स कॉरपोरेशन से सिम ले जाकर बेचने वाले स्टाफ का ब्योरा भी लिया. अन्वेषण के सहायक आयकर निदेशक एमके प्रभात ने कहा कि अभी कागजात की जांच हो रही है. इसके बाद ही कारोबार का सही आकलन हो पायेगा.
सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के सर्वे में पुराने नोट बदलने का मिला मामला. मुजफ्फरपुर . इनकम टैक्स की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का सर्वे किया. विभाग को जानकारी मिली थी कि बैंक में काफी मात्रा में पुराने नोट जमा हुए हैं, जिसका स्टेटमेंट विभाग को नहीं मिला है. जांच के क्रम में टीम को यहां 36 करोड़ पुराने नोट जमा कराये जाने का मामला मिला. सभी रुपये पैक्स समितियों की ओर से जमा कराये गये थे. टीम अब इसके सभी स्रोताें का पता कर सम्मन जारी करेगा. टीम ने इस क्रम में बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की. टीम का मानना है कि ये रुपये काली कमाई को सफेद करने के लिए जमा कराया गया था. सर्वे का नेतृत्व अन्वेषण इकाई के सहायक निदेशक एमके प्रभात कर रहे थे. उनके साथ मुजफ्फरपुर, पटना, छपरा व सीवान की संयुक्त टीम थी. विभाग के कार्यकारी निदेशक इसकी मॉनीटरिंग कर रहे थे.
बैंक के खिलाफ होगी कार्रवाई
इनकम टैक्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. बैंक ने इनकम टैक्स के अधिनियम के तहत एनुअल इन्फाॅर्मेशन रिटर्न नहीं जमा किया है. विभाग बैंक को डिफॉल्टर मानते हुए कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. बैंक के सर्वे में यह भी पता चला कि नोटबंदी के बाद यहां 49 हजार के कई फिक्स डिपोजिट किये गये. टीम ने यहां से सभी जमा करनेवाले लोगों का ब्योरा लिया है. टीम बारी-बारी से उनके यहां भी सर्वे करेगी.
सभी बैंकों की शाखाओं का होगा सर्वे
इनकम टैक्स विभाग उत्तर बिहार के सभी बैंकों की सभी शाखाओं का सर्वे करेगा. इसका आदेश मुख्यालय ने दिया है. विभाग का मानना है कि उत्तर बिहार में काली कमाई को सफेद करने का बड़ा सिंडिकेट चल रहा है. इसमें कुछ बैंककर्मी भी शामिल हैं. विभाग के संयुक्त आयुक्त मो शादाब अहमद ने कहा कि विभाग को इस सिंडिकेट के बारे में पता चल चुका है. ऐसे कोई भी लोग जिन्होंने बैंकों में काली कमाई को जमा कराया है, वे बच नहीं सकते.
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