मुजफ्फरपुर : हमारा अपना चरित्र मर्यादित और सुंदर होगा तो सर्वांग जीवन सुंदर होगा. सुंदर चित्र के चक्कर में न पड़े, बल्कि सुंदर और बेदाग चरित्र के अनुयायी बने. यह बातें भगवानपुर चट्टी स्थित आयोजित हनुमान मंदिर पर श्री राम कथा के दौरान अवध धाम से पधारे सुबोध जी बाल व्यास महाराज ने कहीं. उन्होंने श्री राम चरित्र मानस का उदाहरण देते हुए कहा कि मां सीता जी से भी यही भूल हुआ था, रावण सुंदर पुरुष का भेष बना कर सीता जी से भिक्षा मांगने आया.
सीता जी ने केवल भेष देखी चरित्र पर ध्यान नहीं दिया और उनका हरण हो गया. इस लिये हम हमेशा चित्र नहीं चरित्र पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने श्री राम की बाज लीला सुनाते हुए हुए भक्तों को भाव विभोर कर दिया. यहां बता दें कि श्री राम कथा 26 दिसंबर तक आयोजित की जायेगी. इसमें हर दिन अलग अलग कथा सुबोध जी बाल व्यास महाराज कहेंगे.