मुजफ्फरपुर: ठक्कर बापा छात्रवास में 13 फरवरी को हार्ड कोर नक्सली राम प्रवेश बैठा का साला विकास रजक नक्सली साहित्य लेकर पहुंचा था. इसी सूचना पर मोतीपुर थाने में तैनात दारोगा शंभु शरण शर्मा एसटीएफ की टीम के साथ हॉस्टल पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय थाने की पुलिस नहीं होने से हॉस्टल के छात्रों ने सादे लिबास में पुलिस कर्मी को देख अपहर्ता समझ बैठे. पुलिस टीम पर हमला बोल दिया.
हमला के दौरान विकास पुलिस गिरफ्त से फरार हो गया. 14 फरवरी को इस बाबत दारोगा एसएस शर्मा के बयान पर विश्वविद्यालय थाना में विकास व अज्ञात के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
प्राथमिकी में बताया गया है कि एएसपी अभियान राणा ब्रजेश, एएसपी अभियान मोतिहारी संजय सिंह व मोतीपुर थानेदार ने कोदरकट्टा में नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी पर छापेमारी की थी. उन्हें सूचना थी कि वे लोग मीटिंग करने वाले हैं. छापेमारी कर राम प्रवेश बैठा उर्फ सतीश जी, प्रवेश मिश्र व राजीव को गिरफ्तार किया गया था. तीनों ने पुलिस को बताया कि संगठन के लिए काम करने वाला विकास नक्सली साहित्य लेकर विवि कैंपस स्थित ठक्कर बापा छात्रवास गया है. वह राम प्रवेश का साला है. इसकी जानकारी मिलते ही विकास की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गयी. वह पकड़ा गया, लेकिन हाथापाई करने लगा. हाथ छुड़ा कर वह भागने लगा. पुलिस कर्मियों ने जब उसका पीछा किया तो विकास के सहयोगी ने हमला बोल दिया. इसका फायदा उठा कर वह भाग चला. इधर, हॉस्टल के अधीक्षक पूर्वी चंपारण जिले के चकिया निवासी वीरेंद्र चौधरी ने भी विकास के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी है. आवेदन में बताया गया है कि छात्रों ने उन्हें सूचना दी कि पुलिस बताकर विकास को ले गये है. विवि पुलिस ने दोनों आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन में जुटी है.
कहां गया विकास ?
पीजी (अर्थशास्त्र) का छात्र विकास रजक चार भाई है. वह कई माह से ठक्कर बापा छात्रवास के कमरा नंबर 8 में रहता था. उसके पिता की मौत हो चुकी है. बताया जाता है कि वह लैपटॉप अक्सर साथ रखता था. छापेमारी के दौरान हॉस्टल के छात्रों का कहना था कि पुलिस उसे पकड़ कर ले गयी है, जबकि पुलिस का कहना था कि उसे हमला कर छुड़ा लिया गया. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर वह गया कहां. विवि थाने में हॉस्टल अधीक्षक ने भी उसके अपहृत होने का मामला दर्ज कराया है. वही एसआइ एसएस शर्मा ने मारपीट कर छुड़ाने का मामला दर्ज कराया है. अब विवि पुलिस के लिए विकास का पता लगाना चुनौती है. पुलिस ने उसके नाम से खरीदी गयी बाइक कोदरकट्टा से बरामद की थी. पुलिस का कहना ह, जीजा के संपर्क के कारण वह लंबे समय से नक्सल गतिविधि में सक्रिय था.
लैपटॉप की तलाश में पुलिस
हॉस्टल में छापेमारी के बाद पुलिस विकास के लैपटॉप को तलाश रही थी. लेकिन वह लैपटॉप लेकर फरार हो गया था. पुलिस ने उसके कमरे की भी तलाशी ली थी, लेकिन वहां से कोई भी आपत्ति जनक सामान नहीं मिला था. पुलिस का कहना है कि उसके लैपटॉप में नक्सलियों का पूरा डाटा मौजूद होने का पता चला था. विकास तकनीकी रुप से भी जानकार था. वह राम प्रवेश उर्फ सतीश जी का कई राज जानता था.