मुजफ्फरपुर: शहर में सोमवार को एक बार फिर महाजाम लगा. इस बार जाम के सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आये. एक-एक गली व मुख्य मार्ग के साथ सभी एनएच भी जाम की चपेट में रहे. लोग जिस तरफ से शहर में प्रवेश कर रहे थे, उन्हें जाम का सामना करना पड़ रहा था. जाम में इंटर की परीक्षा में आये छात्रों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई छात्र परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय के बाद पहुंचे. उन्हें डांट व चेतावनी के बाद हॉल में घुसने दिया गया. कुछ इस तरह की स्थिति शहर के सभी परीक्षा केंद्र पर देखने को मिली.
कहने को तो ट्रैफिक को सुचारु रूप से चलाने के लिए 134 पुलिस बल लगाये गये थे, लेकिन पुलिस भीड़ के आगे बेबस दिख रही थी. बेकाबू जाम को देख पुलिस वालों को कुछ सूझ नहीं रहा था. कई स्थानों पर तो पुलिस बेबस नजर आयी. शहर के चारों ओर ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही थी.
चौराहों पर रेंगती रही गाड़ियां
सरैयागंज टावर से लेकर कल्याणी चौक, मिठनपुरा चौक हरिसभा चौक, छाता बाजार, बनारस बैंक चौक, अघोरिया बाजार चौक, भगवानपुर चौक, बैरिया जीरो माइल चौक, रामदयालु या कच्ची पक्की चौक किसी भी मार्ग से बाहर निकलने का कोई उपाय नहीं था. गलियां भी गाड़ियों से खचाखच भरी थी.
फंसे आयुक्त व डीआइजी
सोमवार को लगे जाम में आयुक्त नर्मदेश्वर लाल व डीआइजी अमृत राज भी आधा घंटा फंसे रहे. वे अपने सुरक्षा बलों से लैस थे. डीआइजी कलमबाग चौक पर जाम में फंसे थे. आयुक्त धर्मशाला चौक के पास काफी देर तक जाम में फंसे रहे. हालांकि इस जाम से लोग कराह रहे थे. वरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी जाम फंसे हुए थे.
एनएच का रहा बुरा हाल
शहर तो शहर एनएच का हाल भी खराब रहा. एनएच-28 काजीइंडा चौक से कच्ची पक्की, रामदयालु, गोबरसही, भगवानपुर, चांदनी चौक से लेकर सदातपुर तक करीब 18 किमी तक जाम रहा. वहीं बैरिया से जीरो माइल होते हुए एनएच-77 झपहां से आगे तक करीब 10 किलो मीटर, जीरो माइल से एनएच-57 बखरी तक करीब 5 किलो मीटर, भगवानपुर चौक से एनएच-102, छपरा गोपालगंज रोड करीब 4 किलो मीटर तक जाम रहा. इतना ही नहीं इस एनएच से जुड़ी सभी गलियां वाहन के कारण जाम की चपेट में रहा.
शहर भगवान भरोसे
इंटर की परीक्षा में करीब 33 हजार से अधिक छात्र परीक्षा दे रहे है. एक अनुमान के तहत शहर की आबादी एक लाख बढ़ गयी है. इसकी जानकारी प्रशासन को पहले से थी. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई विशेष प्रबंध नहीं किया गया. जानकारी हो की जाम की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए डीएम व एसएसपी की बैठक में की सभी चौक-चौराहों पर एक मजिस्ट्रेट व एक पुलिस बल तैनात करने का निर्णय लिया गया था. इसके लिए आदेश भी निकाला गया. कुछ दिन तक सब ठीक रहा. कुछ ही दिनों के बाद आदेश कागजों तक सिमट कर रह गया.