मुजफ्फरपुर : एलइडी लाइट खरीद में कोई अनियमितता नहीं हुई है. लाइट खरीद का काम पूरे विभागीय प्रक्रिया के तहत किया गया है. इसके लिए उत्प्रेरक कंपनी से करार हुआ था, जिसने पावर्ड बाई फिलिप्स असेंबल एलइडी लाइट दी है. इसके प्रोपराइटर अंकित लोमोर है. इसमें किसी को किसी प्रकार का शक है, तो इसकी जांच फिलिप्स कंपनी के अधिकारी से करायी जायेगी. अगर गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई के साथ सूद समेत राशि वापस वसूल होगी.
उक्त बातें नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने प्रेसवार्ता के दौरान कही. इस दौरान उन्होंने लाइट खोलकर उसके बारे में जानकारी दी. कहा, यह कंपनी गर्वमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयरर्स से सर्टिफायड है व आइएसओ से प्रमाणित है. लाइट की खरीद में 18 कंपनियों ने भाग लिया, इसमें उत्प्रेरक कंपनी ने 5500 रुपये में 55 वाट का लाइट उपलब्ध कराने की बात कही. जबकि फिलिप्स कंपनी की इतने वाट की एलइडी लाइट की कीमत 12-13 हजार रुपये के बीच आती है.
ऐसे में सरकार के हित को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया गया कि कम कीमत में अच्छी क्वालिटी की लाइट खरीदी जाये. पहले लॉट में दो हजार व दूसरे लॉट में 500 लाइट खरीदी गयी. मिडास नाम की कंपनी ने इससे कम कीमत में 4000-4500 रुपये में लाइट उपलब्ध कराने की बात कही थी. लेकिन गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के कारण इसके साथ करार नहीं हुआ.