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ट्रेन पर गिरा तार, समय पर बिजली कट गयी, नहीं तो जाती कईं जानें
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जंकशन पर बड़ा हादसा टल गया. जंकशन पर लगे हाइटेंशन तार (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) में अगर सर्किट ब्रेकर नहीं लगा होता, तो प्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक-दो नहीं दर्जनों की संख्या में लाेग झुलस जाते. इसमें कई लोगों की जाने जा सकती थी. भगवान को शुक्रिया कहे कि शनिवार को कोई बड़ा हादसा […]
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जंकशन पर बड़ा हादसा टल गया. जंकशन पर लगे हाइटेंशन तार (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) में अगर सर्किट ब्रेकर नहीं लगा होता, तो प्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक-दो नहीं दर्जनों की संख्या में लाेग झुलस जाते. इसमें कई लोगों की जाने जा सकती थी. भगवान को शुक्रिया कहे कि शनिवार को कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन बार-बार तार टूट कर गिरना इलेक्ट्रिक विभाग के मेंटेनेंस पर सवाल खड़ा हो गया है. 10 जून, 2015 को जब प्लेटफॉर्म नंबर तीन व चार पर बैठे 11 लोग झुलस गये थे. उस वक्त लाइन नंबर छह में सर्किट का ब्रेकर काम नहीं कर रहा था. उस दौरान इसको लेकर बड़ा बवाल हुआ था.
इसी के बाद जब इस पर सवाल खड़ा हुआ, तब इलेक्ट्रिक विभाग ने हर जगह सर्किट में ब्रेकर लगाने का काम पूरा किया है.
प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ओएचइ तार टूटने की खबर इलेक्ट्रिक विभाग समेत अन्य सभी विभागों को मिली. घटना के तुरंत बाद आरपीएफ ने इसकी जानकारी कंट्रोल को दे दी थी, लेकिन मौके पर स्टेशन अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह व आरपीएफ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह को छोड़ दूसरा कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे. इधर, देर शाम को इलेक्ट्रिक विभाग से जुड़े मंडल के कई बड़े अधिकारी पहुंच स्थिति का जायजा लिया.
महिला कांवरिया सीमा ने बचायी कई यात्रियों की जान
हाइटेंशन तार टूटने के बाद जब ट्रेन की छत में सटा, तब चिनगारी फेंकने लगी. इस बीच ट्रेन की बोगी में जो यात्री बैठे थे. वह जैसे-तैसे कूद कर भागने लगे. बोगी के भीतर देखते ही देखते अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. प्लेटफॉर्म पर बैठे यात्री भी भाग रहे थे, लेकिन महिला कांवरिया सीमा कुमारी, घोड़ासहन मोतिहारी के अमरेंद्र कुमार की नजर जब बोगी पर तार गिरने के बाद प्लेटफॉर्म व बोगी के निकास द्वार के समीप झुल रहे तार पर पड़ी, तब दोनों ने हिम्मत के साथ तार से कुछ दूरी पर खड़ा हो गये ओर चिल्लाते हुए जो यात्री बोगी से कूदने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें मना करते हुए दूसरे गेट से निकलने को कहने लगे. इससे कई यात्रियों व छोटे-छोटे बच्चे की जान बची. सीमा ने बताया कि जिस गेट पर तार लटका था. अगर उसी गेट से यात्री उतरते तो एक, दो नहीं कई की जान जा सकती थी. आरपीएफ को जब दोनों यात्रियों ने आपबीती सुनायी, तब दोनों को हिम्मत काे लोगों ने खूब सराहा.
पोल नंबर 8011 के समीप टूटा तार
ओएचइ का टूटा तार प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पोल नंबर 8011 के सामने का है. अगर यह टूट कर पोल में सटता तब पिछले बार की तरफ प्लेटफॉर्म पर बैठे दर्जनों यात्रियों की जानें चली जाती. इलेक्ट्रीक विभाग को जब इसकी जानकारी मिली, तब करीब एक घंटे बाद रेस्क्यू टीम को भेज टूटे तार की मरम्मती करायी गयी. शाम 6.19 बजे मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर सवारी गाड़ी को डीजल इंजन से रवाना किया गया.
जून, 2015 में झुलस गये थे 11 यात्री
10 जून 2015 को जंकशन के यार्ड की लाइन नंबर छह में लगे ओएचइ के पोल (5021ए) का तार टूट कर गिर गया था. जिसकी वजह से प्लेटफार्म नंबर चार पर लगे दो पोलों में करंट आ गया था. इन दोनों पोल के आसपास बैठे यात्रियों को करंट लगा, जिसमें 11 लोग झुलस गये. तीन यात्रियों की जान भी जा चुकी है. वहीं प्लेटफॉर्म पर करंट देख कर यात्रियों में भगदड़ मच गयी थी. इससे दर्जनों यात्रियों को गंभीर चोटें भी आयी थी.
14 महीने में पांच बार टूटा तार: पिछले 14 महीने के भीतर पांच-पांच बार तार टूटने की घटना हो चुकी है. पहली बार जंकशन पर ही 10 जून 2015 को तार टूटी थी. इसमें तीन लोगों की जान गयी थी. जबकि, दस से अधिक लाेग गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. दूसरी घटना 13 अगस्त, 2015 को नारायणपुर स्टेशन पर मालगाड़ी के ऊपर तार टूट कर गिर गया था. तीसरी घटना जनवरी 2016 में तुर्की-ढ़ोली के बीच तार टूट गया था. चौथी बार 16 अप्रैल 2016 को ढ़ोली स्टेशन पर तार टूट गयी थी. इससे राजधानी एक्सप्रेस को एक घंटे तक खड़ा रहना पड़ा था. वहीं पांचवी घटना 27 अगस्त को जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर घटी. जिसमें दर्जनों यात्री बाल-बाल बच गये.
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