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मुजफ्फरपुर में घर बना रहे, इसलिए कर रहे हैं गड़बड़ी
औराई: मुजफ्फरपुर शहर में घर बना रहे हैं. इसके लिए पैसों की जरूरत है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से मजबूरन यह सब करना पड़ रहा है. ये बयान औराई प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बसतपुर के प्रधानाचार्य दिलीप कुमार सिंह का है, जिन पर पिछले दस दिन से विद्यालय में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) नहीं बनाने […]
औराई: मुजफ्फरपुर शहर में घर बना रहे हैं. इसके लिए पैसों की जरूरत है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से मजबूरन यह सब करना पड़ रहा है. ये बयान औराई प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बसतपुर के प्रधानाचार्य दिलीप कुमार सिंह का है, जिन पर पिछले दस दिन से विद्यालय में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) नहीं बनाने देने समेत कई वित्तीय आरोप लगे हैं.
आरोपों के आलोक में शनिवार को एमडीएम प्रभारी व संकुल समन्वयक जांच के लिए विद्यालय पहुंचे थे. इस दौरान प्रधानाचार्य पर लगे सभी आरोपों को दोनों अधिकारियों ने सही पाया. विद्यालय की रसोइया पूनम देवी ने कहा कि पिछले दस दिनों से स्कूल में खाना नहीं बना है, जबकि रोज लगभग तीन सौ बच्चों की हाजिरी दिखायी जाती है, जिनके नाम पर एमडीएम की राशि का गबन किया जाता है. वहीं, विद्यालय की सचिव पानो देवी ने बताया कि प्रधानाचार्य उनके फरजी हस्ताक्षर करके स्कूल की राशि की निकासी कर लेते हैं.
प्रधानाचार्य दिलीप कुमार सिंह में मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना में भी राशि के गबन का आरोप है. इस आरोप को भी दोनों अधिकारियों ने जांच में सही पाया. बताया गया कि बीते शुक्रवार को प्रधानाचार्य 17 बच्चों को लेकर परिभ्रमण पर गये थे. नियम के मुताबिक जिस दिन बच्चों को घुमाने ले जाना है, उस दिन स्कूल बंद रखना है, लेकिन शुक्रवार को भी स्कूल खुला दिखाया गया और एमडीएम की राशि का गबन किया गया. ग्रामीण मुन्ना कुमार ने कहा कि जब से दिलीप कुमार सिंह यहां के प्रधानाचार्य बने हैं, तब से उन्होंने स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है. जब हम लोग इसकी शिकायत करते हैं, तो हमें चोरी में फंसाने की धमकी देते हैं.
अभिभावकों का आरोप यह भी था कि सरकार की ओर से बच्चों को किताबें मुहैय्या करायी जाती है. उन्हें प्रधानाचार्य बच्चों को नहीं देते हैं, बल्कि रद्दी के भाव में भुजा व रद्दीवाले के हाथ बेच लेते हैं. जांच एमडीएम प्रभारी धीरज कुमार, संकुल समन्वयक प्रमोद कुमार सिंह ने की और कहा कि वो अपनी रिपोर्ट डीपीओ को सौंपेगे. जिसमें प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की अनुसंशा की जायेगी.
खास वर्ग के बच्चों को नहीं पीने देते पानी
विद्यालय की जांच के दौरान कुछ छात्रों ने प्रधानाचार्य पर छुआछूत का भी आरोप लगाया. इनका कहना था कि प्रधानाचार्य कुछ खास वर्ग के छात्र-छात्राओं को स्कूल के चापाकल से पानी पीने से रोकते हैं. छात्र-छात्राओं की इस बात को भी जांच अधिकारियों ने सुना और इसके बारे में लिखा.
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