मुजफ्फरपुर: बाबा गरीबनाथ मंदिर में तीसरी सोमवारी से कांवरियों व स्थानीय श्रद्धालुओं के जलाभिषेक के लिए अलग-अलग समय तय किया जा सकता है. तीन अगस्त को कांवरिया पथ व गरीबनाथ मंदिर परिसर के निरीक्षण के बाद डीएम को सौंपी अपनी रिपोर्ट में एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार ने यह सुझाव दिया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सोमवार की अहले सुबह तीन बजे से ही स्थानीय श्रद्धालुओं की भीड़ आ जाती है, जो पहलेजा से जल लेकर आने वाले कांवरियों से अपनी पहचान छिपाते हुए लाइन में मिल जाते हैं. इसके कारण भीड़ बढ़ जाती है. ऐसे में यह व्यवस्था की जाये कि स्थानीय श्रद्धालु सुबह दस बजे के बाद आना शुरू करें. इसके लिए मंदिर के स्वयंसेवक, मंदिर कार्यकारिणी व स्थानीय लोग आपस में बैठक कर सहमति बना सकते हैं. इसके लिए शहर में प्रचार-प्रसार भी किया जा सकता है.
एसडीओ पूर्वी ने डाक बम को मंदिर प्रशासन की ओर से पहलेजा घाट पर ही पहचान पत्र जारी करने का सुझाव दिया है. यदि मंदिर प्रशासन इसमें खुद को सक्षम नहीं मानता है तो जिला प्रशासन की ओर से फकुली मोड़ में प्रवेश द्वार पर संध्या पांच बजे से पहचान पत्र खुद डाक बम को प्रदान करें.
दरअसल, एसडीओ पूर्वी का मानना है कि जल्दी जल चढ़ाने के फेर में जिन सामान्य कांवरियों को अनुभव है, वे डाक बम के रूप में लाइन में लग जाते हैं, जिससे पीछे की लाइन और लंबी होती जाती है, जो भगदड़ का कारण बनती है. उन्होंने डाक कांवरियों के प्रवेश द्वार महावीर चौक पर भी पूर्ण बैरिकेडिंग का सुझाव दिया है, ताकि वहां सिर्फ एक कांवरिया के आने-जाने का रास्ता रहे. वहां पर्याप्त संख्या में महिला व पुलिस बल की तैनाती थानाध्यक्ष के नेतृत्व में करने की सलाह दी गयी है. सरैयागंज टावर पर भीड़ नियंत्रण के लिए अलग से कंट्रोल रूम का निर्माण कराते हुए उसमें ध्वनि विस्तारक यंत्र, दंगा निरोधक दस्ता, पुलिस ऑफिसर व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता भी बतायी गयी है.