इतना ही नहीं ऐसे शिक्षकों का नाम भी सूची में दिया है, जिनके पास कांपी जांच का कोई अनुभव नहीं है, जबकि कांपी जांच के लिए पांच साल का अनुभव होना चाहिए. इसमें 40 से अधिक शिक्षकों के पास पांच साल का अनुभव तक नहीं है. इनमें चोचहां कॉलेज, प्रिया रानी डिग्री कॉलेज, एनएआर कॉलेज नरमा शामिल हैं. इसके अलावा पंडित टीकेजे बगाही कॉलेज नाम की कोई संस्था नहीं है. साथ ही एसएनएस कॉलेज के भी कई ऐसे शिक्षक हैं, जिनको कॉपी जांच में पांच साल का अनुभव नहीं है. कई ऐसे भी शिक्षकों का नाम सूची है, जो पीएचडी नहीं हैं और वह डॉक्टर बनकर कॉपी जांच किये हैं. हालांकि मूल्यांकन निदेशक डॉ बीके राय ने कहा है कि वह अब तक केवल संभावित सूची ही सौंपे हैं. अब तक कॉपी जांच का भुगतान नहीं किये हैं. ऐसे में संभावित सूची में गलतियां हुई है.
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40 फरजी शिक्षकों ने जांची हैं कॉपियां
मुजफ्फरपुर: ललित नरायण मिथिला दरभंगा विवि के बीए पार्ट-थर्ड की कांपियों के मूल्यांकन में हुए गोलमाल का मामला राजभवन तक पहुंच गया है. शिकायतकर्ता विकास कुमार ने मूल्यांकन निदेशक डॉ बीके राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की शिकायत राजभवन से की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि हाइस्कूल के शिक्षकों ने कांपी की जांच […]
मुजफ्फरपुर: ललित नरायण मिथिला दरभंगा विवि के बीए पार्ट-थर्ड की कांपियों के मूल्यांकन में हुए गोलमाल का मामला राजभवन तक पहुंच गया है. शिकायतकर्ता विकास कुमार ने मूल्यांकन निदेशक डॉ बीके राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की शिकायत राजभवन से की है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि हाइस्कूल के शिक्षकों ने कांपी की जांच की है. साथ ही 40 से अधिक फरजी शिक्षकों से भी कांपियों का मूल्यांकन कराया गया है. उन्होंने कहा कि विवि के मूल्यांकन निदेशक डॉ बीके राय ने दोनों विवि को गुमराह किया है. उन्होंने जो संभावित सूची सौंपी है. उनमें कई ऐसे कॉलेजों का जिक्र किया है, जिनके नाम से कोई कॉलेज है ही नहीं.
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