मुजफ्फरपुर : मनरेगा में अब मेट की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाने व योजनाओं का लाभ मजदूरों को शत-प्रतिशत पहुंचाने के लिए के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने मेट को कई जिम्मेवारियां सौंपी है. यही नहीं विभाग ने 50 प्रतिशत महिलाओं को मेट में आरक्षण देने का प्रावधान भी किया है.
मेट के चयन के लिए दिये गये दिशा-निर्देश में बताया गया है कि हर ग्राम पंचायत स्तर पर मेट का पैनल तैयार होगा. इसका निर्माण ग्राम सभा के माध्यम से किया जायेगा. चयन में विकलांग जॉब कार्ड को प्राथमिकता मिलेगी.
वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में पंचायत में कम से कम 15 मेटों का चयन कर लिया जायेगा. और उन्हें बारी बारी से विभिन्न योजनाओं में मेट के रुप में काम पर लगाया जायेगा. मेट का चयन एक साल के लिए किया जायेगा. मेट की योग्यता कम से कम 7 वीं होनी चाहिए. प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा मेट को पहचान पत्र निर्गत करेगें.
* मेट के प्रमुख कार्य
1. श्रमिकों के कार्य का प्रतिदिन हाजिरी लेना एवं कार्य की मापी करना एवं काम प्रारंभ करने के एक घंटे के अंदर मस्टर रोल में हाजिरी दर्ज करना
2. 10-15 जॉब कॉर्डधारियों को संगठित कर उनके बीच से अध्यक्ष का चुनाव कर समूह का गठन करना
3. निर्माण कार्य की गुणवत्ता की पूर्ण निगरानी व देख-रेख करना
4. कार्यस्थल पर किसी तरह की दुर्घटना होने पर पीआरएस को सूचना देते हुए एफआइआर दर्ज कराना
5. कार्यस्थल पर प्राथमिक उपचार
की व्यवस्था करना
* ग्राम पंचायत स्तर पर होगा मेट का पैनल तैयार
* मनरेगा में मेट की भूमिका अहम
* ग्रामीण विकास विभाग ने जारी किये दिशा-निर्देश
* जारी होगा पहचान पत्र