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छात्रों का 23 लाख डकार गया अजीजपुर हाइस्कूल

मुजफ्फरपुर : सरैया प्रखंड का अजीजपुर हाइस्कूल छात्रों के 23 लाख रुपये डकार गया. राशि गबन करने में कई तरह के हथकंडे अपनाये गये. 682 छात्रों के लिए मिली छात्रवृत्ति की राशि को दूसरे विद्यालय के एकाउंट में डाल 12.27 लाख रुपये का गबन किया गया. वहीं, 9.54 लाख रुपये हेडमास्टर निजी खाते में डाल […]

मुजफ्फरपुर : सरैया प्रखंड का अजीजपुर हाइस्कूल छात्रों के 23 लाख रुपये डकार गया. राशि गबन करने में कई तरह के हथकंडे अपनाये गये. 682 छात्रों के लिए मिली छात्रवृत्ति की राशि को दूसरे विद्यालय के एकाउंट में डाल 12.27 लाख रुपये का गबन किया गया. वहीं, 9.54 लाख रुपये हेडमास्टर निजी खाते में डाल डकार गये. छात्रों के शौचालय मद के 1.20 लाख रुपये का हिसाब-किताब ही नहीं है. यह खुलासा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना व लेखा) की जांच रिपोर्ट से हुआ है.

जदयू जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा की ओर से सीएम नीतीश कुमार को दिये आवेदन की जांच के बाद स्कूल के हेडमास्टर व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गये हैं. 19 मई 2016 को रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को दे दिया गया. हालांकि, अधिकारी जांच में दोषी पाये गये एचएम को बचाने में लगे हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, छात्रवृत्ति मद के 12.27 लाख रुपये राजकीयकृत प्राथमिक
छात्रों का 23 लाख
विद्यालय बहिलवारा जगन्नाथ कन्या के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक बहिलवारा के खाते में डाल दिया गया. लेकिन हाइ स्कूल अजीजपुर के प्रभारी एचएम अनीश कुमार ने प्राथमिक विद्यालय जगन्नाथ कन्या के खाते से राशि की वापसी की उचित कार्रवाई अब तक नहीं की. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के कार्य व प्रवृत्ति संदेह के घेरे में है.
बारी-बारी से खजाना किया खाली
9.54 लाख रुपये प्रभारी एचएम अनीश कुमार ने चार बार में अपने खाते में जमा कर लिया. विद्यालय छात्र कोष खाता में 22 अगस्त 2015 को 14,33,352 रुपये कुल राशि थी. इनमें से 25 अगस्त को 394200 रुपये, 29 सितंबर को 60000 रुपये, 4 दिसंबर को दो चेक से चार लाख और 29 दिसंबर को दो चेक से 3.17 लाख रुपये निकासी की गयी. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, बहिलवारा में अनीश कुमार के नाम से खुले खाते में 25 अगस्त को 394200 रुपये, 29 सितंबर को 60000 रुपये, चार दिसंबर को दो लाख रुपये और 29 दिसंबर को तीन लाख रुपये नकद जमा किया गया.
कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा
जांच अधिकारी का कहना है कि विद्यालय के खाते में एचएम की ओर से निजी खाते में पैसा जमा करना प्रमाणित आरोप है. वित्तीय अनियमितता के आरोप में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. एसएलसी के लिए पैसे लेना, छात्रों से पैसे वसूल निजी सफाई कर्मी देना नियम के विपरीत है. मनमाने तरीके से विद्यालय संचालन के आरोप में एचएम पर अनुशासनिक कार्रवाई की जा सकती है.
आम लोगों का शिकायत दबा देते हैं अधिकारी
शिक्षा विभाग ही नहीं, जिला प्रशासन के अधिकारी आम लोगों की शिकायत भी दबा देते हैं. स्कूल के शिक्षक कृष्ण कुमार ने डीइओ और डीएम से मामले की शिकायत की थी. जिला गोपनीय प्रशाखा के वरीय उप समाहर्ता प्रभारी ने 9 फरवरी 2016 को मामले की जांच का निर्देश वरीय उप समाहर्ता सह वरीय प्रभारी पदाधिकारी, सरैया जावेद अहसन अंसारी और जिला भविष्य निधि पदाधिकारी को दिया था. लेकिन, जांच के बदले आवेदन ठंडे बस्ते में है. लेकिन, जदयू के जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा ने सीएम को जो परिवाद पत्र दिया, उसकी जांच काफी तेजी से हुई.
जदयू जिलाध्यक्ष
ने सीएम को दिया
था आवेदन
डीपीओ लेखा व योजना की जांच से मामला उजागर
जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई के बदले दबा रहे अधिकारी
हाइस्कूल का पैसा प्राथमिक विद्यालय के खाते में डाला
1.20 लाख के शौचालय का हिसाब नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि जितनी राशि खर्च की गयी, उसका कैश बुक में तिथि वार विवरण नहीं था. किस तिथि को कितने छात्र व छात्रा को राशि दी गयी, इसका कागजात में कोई जिक्र नहीं था. वितरण पंजी में जाति व राशि कॉलम में अंकित नहीं था. छात्र के हस्ताक्षर के साथ तिथि व वर्ग शिक्षक हस्ताक्षर नहीं था. शौचालय निर्माण मद से 1.20 लाख रुपये निकासी की गयी, लेकिन निर्माण का कोई कागज नहीं था.

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