मामला हथौड़ी थाना से जुड़ा है. थाना जिस भाड़े के मकान में संचालित है, उसका किराया चार साल के अंदर 4.57 गुना बढ़ गया है. पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने इस पर आपत्ति जतायी है. इस कारण थाने का दो साल से अधिक का किराया बकाया है. जब मकान मालिक ने किराये के लिए दबाव बनाना शुरू किया, तो किराया घटाने के लिए खुद एसएसपी विवेक कुमार डीएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
हथौड़ी थाना अभय कुमार चौधरी नामक व्यक्ति के भाड़े के मकान में संचालित है. वर्ष 2010 से फरवरी 2014 तक उस मकान का किराया 5,455 रुपये प्रतिमाह निर्धारित था. वर्ष 2014 में मकान मालिक किराया बढ़वाने के लिए एसडीओ पूर्वी के कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त मकान का किराया बढ़ा कर 24,902 रुपये प्रतिमाह कर दिया. यह मार्च 2014 से लागू होना था. किराये के भुगतान के लिए तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महानिदेशक कार्यालय को प्रस्ताव भेजा, तो पुलिस महानिरीक्षक, बजट, अपील एवं कल्याण ने इस पर आपत्ति जता दी. उनका तर्क था कि चार साल के अंदर ग्रामीण क्षेत्र के मकान का किराया 4.57 गुना बढ़ा दिया जाना समानुपातिक प्रतित नहीं होता है. उन्होंने वरीय पुलिस अधीक्षक को इसे जिलाधिकारी के कोर्ट में चुनौती देने का निर्देश दिया था.