पूर्ण शराबबंदी में सीएम पर न्यायालय में मामला दर्ज संवाददाता, मुजफ्फरपुर राज्य सरकार द्वारा पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद विदेशी शराब की दुकान के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराये जाने को लेकर सदर थाना क्षेत्र के लहलादपुर पतोही निवासी सुधीर कुमार ओझा ने सीजेएम की अदालत में मामला दर्ज कराया है. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधान सचिव मद्य निषेध उत्पाद केके पाठक, मंत्री मद्य निषेध अब्दुल मस्तान को आरोपी बनाया गया है. वादी अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक पांच अप्रैल 2016 को करके पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी. पूर्व में देहात क्षेत्र में शराबबंदी की घोषणा की गयी थी. वहीं शहरी क्षेत्र में सिर्फ विदेशी शराब बेचे जाने की बात कही गयी. इस बीच सरकार ने फैसले में बदलाव करते हुए राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी. यह सभी समाचार पत्रों व टीवी चैनलों पर चलाया गया. इस घोषणा के बाद आम जनता, खासकर महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गयी. आरोप लगाया है कि आरोपियों ने साजिश व षड्यंत्र करके बिहार की जनता के साथ धोखाधड़ी करते हुए सात अप्रैल एक समाचार पत्र में बिहार स्टेट बिवरेज कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से विज्ञापन छपवाया गया. इसमें नगर निगम एवं नगर के अधीन डेढ़ सौ खुदरा विदेशी शराब की दुकान खोलने व उसके लिए दुकान प्रबंधक सह लेखापाल पदों पर बहाली की सूचना दी गयी है. यह आम जनता के साथ विश्वासघात है.
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पूर्ण शराबबंदी में सीएम पर न्यायालय में मामला दर्ज
पूर्ण शराबबंदी में सीएम पर न्यायालय में मामला दर्ज संवाददाता, मुजफ्फरपुर राज्य सरकार द्वारा पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद विदेशी शराब की दुकान के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराये जाने को लेकर सदर थाना क्षेत्र के लहलादपुर पतोही निवासी सुधीर कुमार ओझा ने सीजेएम की अदालत में मामला दर्ज कराया है. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री […]
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