मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के परीक्षा हॉल में पार्ट-वन सब्सिडियरी विषयों की कॉपियों की जांच के दौरान शुक्रवार को अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी. विवि एनएसएस के समन्वयक व जंतु विज्ञान के प्रोफेसर डॉ विजय कुमार जायसवाल बतौर मुख्य परीक्षक कॉपियों की जांच करने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें मूल्यांकन केंद्र के निदेशक डॉ शिवजी सिंह ने योगदान देने से रोक दिया. निदेशक का कहना था कि वे रिटायर प्रोफेसर हैं. दूसरी ओर एनएसएस समन्वयक के पद पर बने हैं. इस स्थिति में विवि के किसी अधिकारी को जांच करने का अधिकार नहीं है.
उधर, विजय कुमार जायसवाल का कहना था कि एनएसएस का स्टेच्यूटरी पद नहीं है. विवि उन्हें सीनियरिटी व अनुभव को देखते हुए मुख्य परीक्षक बनाया है. बावजूद निदेशक ने उन्हें योगदान देने से इनकार कर दिया. हद तो तब हो गयी, जब निदेशक ने उन पर आंख लाल-पीला करते हुए जबरन केंद्र से बाहर जाने की चेतावनी दे डाली. इस पर दोनों के बीच कुछ देर तक तू-तू, मैं-मैं हुई. इसके कारण कुछ देर के लिए माहौल बिगड़ गया. जांच कर रहे शिक्षक तमाशबीन बन गये. हालांकि, कुछ सीनियर शिक्षकों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. डॉ जायसवाल ने इसकी शिकायत परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह से की है.
अधिकार के लिए एकजुट हों महिलाएं
राष्ट्रीय सेवा योजना रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय इकाई की ओर से आरबीबीएम कॉलेज में शुक्रवार को सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ निर्मला कुमारी ने किया. समन्वयक डॉ मधु सिंह ने महिला सशक्तीकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अभी तक महिलाओं को विधायिका में उचित स्थान नहीं मिल पाया है. साथ हीं सभी महिलाओं को एकजुट होकर जागृत होने की बात कही. मौके पर छात्रओं को योग का प्रशिक्षण जया श्रीवास्तव ने दिया. भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर गीतांजलि व सबिता, द्वितीय स्थान पर पूजा, आरजू व तीसरा स्थान सुरभि को मिला.