यानी इन विभागों में चलने वाले सभी कोर्स में नामांकन से लेकर परीक्षा की जिम्मेदारी निदेशालय की होगी. एडवाइजरी बोर्ड व एकेडमिक कौंसिल इसे मंजूरी दे चुकी है. जल्दी ही सिंडिकेट व सीनेट से भी इसकी मंजूरी ले ली जायेगी. तीनों विभाग में चलने वाले सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस के तहत चलाये जायेंगे.
दरअसल, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में डिस्टेंस व रेगुलर मोड में कोर्स एक साथ चलाये जाने को लेकर लंबे समय से विवाद जारी है. सिंडिकेट व सीनेट में भी यह मामला कई बार उठ चुका है. केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेशानुसार ओडीएल मोड में कोर्स संचालन की जिम्मेदारी यूजीसी के पास है. वहीं रेगुलर मोड में कोर्स संचालन के लिए संस्थान को राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य है. फिलहाल, निदेशालय को राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है. बीआरए बिहार विवि राज्य सरकार का मान्यता प्राप्त विवि है. ऐसे में विवाद से बचने के लिए रेगुलर मोड वाले तमाम कोर्स विवि के अधीन चलाने का फैसला लिया गया है. रेगुलर मोड में चल रहे कोर्स के रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस की मंजूरी राजभवन से लेनी होती है. इसके लिए प्रक्रिया जारी है.