गिरासे ने व्यवसाय में मदद करने की बात कही और तीस लाख रुपये कैमरा खरीदने के लिए मांगा. कैमरे से होनवाली कमाई से प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये देने का वायदा भी किया. गिरासे ने सौरभ को उसके नाम से ही कैमरा खरीदने के की बात कहीं. हालांकि खरीदे गये कैमरे की रसीद मांगने पर गिरासे ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि जिस कंपनी में कैमरे को भाड़ा पर दिया जायेगा.
वहां रसीद दाखिल कर दी गयी है. गिरासे ने शर्त के अनुसार
एग्रीमेंट के अनुसार गिरासे ने दो चेक दिया भी लेकिन खाते में राशि नहीं रहने के कारण बाउंस कर गया. सौरभ पैसे के लिए गिरासे को वकालतन नोटिस भी भेजा. लेकिन उसने उसका कोई जबाब नहीं दिया. इसके बाद सौरभ अपनी राशि की वापसी के लिए कई बार मुंबई भी गया. वावजूद इसके गिरासे ने उसके रुपये नहीं लौटाये. अंत में थक-हारकर सौरभ ने सदर थाना में गिरासे के विरुद्ध जालसाजी करने की प्राथमिकी दर्ज करा दी है.