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डीआइजी ने जवानों को दिया एकजुटता का मंत्र

डीआइजी ने जवानों को दिया एकजुटता का मंत्र – सफलता सौ प्रतिशत नहीं मिलती, और बेहतर करने की जरूरत- एसएसबी के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजितसंवाददाता, मुजफ्फरपुरएसएसबी के 52वें स्थापना दिवस पर एसएसबी कार्यालय पर जवानाें को बेहतर कार्य करने का मंत्र दिया गया. कार्यक्रम की शुरुआत डीआइजी संजय कुमार को गाॅड ऑफ आनर देकर […]

डीआइजी ने जवानों को दिया एकजुटता का मंत्र – सफलता सौ प्रतिशत नहीं मिलती, और बेहतर करने की जरूरत- एसएसबी के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजितसंवाददाता, मुजफ्फरपुरएसएसबी के 52वें स्थापना दिवस पर एसएसबी कार्यालय पर जवानाें को बेहतर कार्य करने का मंत्र दिया गया. कार्यक्रम की शुरुआत डीआइजी संजय कुमार को गाॅड ऑफ आनर देकर की गयी. इसके बाद एसएसबी जवानों के बच्चे के बीच प्रतियोगिता आयोजित हुई. एसएसबी के जवानों के बीच रस्सा-कस्सी खेल का भी आयोजन किया गया. डीआइजी ने कहा, एकजुटता से ही एक बेहतर टीम बनती है, जो मुझे मिली है. मिसाल पेश करते हुए बताया कि यहां ज्वाइनिंग के चार दिन हुए थे. इसी बीच नेपाल में भूकंप ने दस्तक दी थी. इसमें हमारे जवानों ने बेहतर कार्य किया. इसकी वजह से हमें सम्मान भी मिला. उन्होंने जवानों से कहा, सफलता कभी भी सौ प्रतिशत नहीं मिलती है, इसके लिए हमें और बेहतर करने की जरूरत है. 27 बटालियन के कमांडेंट मधुकर अमिताभ ने कहा कि भारत सरकार ने दो स्पेशल बटालियन दी है. इसमें एनडीआरएफ व एंटी नक्सल आपरेशन की टीमें हैं, जो बेहतर काम कर रही है. अब तक 125 से अधिक नक्सलियों को पकड़ा जा चुका है. साथ ही भारी मात्रा में आर्म्स व विस्फोटक भी पकड़े गये हैं. स्टॉफ अफसर ओपी शर्मा ने एसएबसी के इतिहास पर चर्चा करते हुए बताया कि किन परिस्थितियों में एसएसबी की स्थापना की गयी और आज एसएसबी किस मुकाम पर खड़ा है. नेपाल व भूटान सीमा पर तैनातीओपी शर्मा ने बताया कि 1751 किलोमीटर भारत-नेपाल की खुली सीमा के अलावा भारत व भूटान की सीमा पर एसएसबी की तैनाती है. 2002 में एसएसबी गृहमंत्रालय के अधीन हुई. 2004 में एसएसबी को भारत व भूटान की सीमा पर भी तैनात कर दिया गया. 27 मार्च 2004 को एसएसबी को राष्ट्रपति चक्र से नवाजा गया. 20 दिसंबर 2007 को राष्ट्रपति ने एक्ट को सहमति दी. इसके बाद से 20 दिसंबर को एसएसबी का स्थापना दिवस मनाया जाने लगा. रिटायर जवानों से की मुलाकात डीआइजी ने रिटायर जवानों से मिलकर उनका हाल पूछा तो उनकी आंखों में गजब का उत्साह देखने को मिला. रिटायर जवानों ने अपने-अपने बटालियन का नाम बताया व उनके साथ फोटो खिंचवाया. रिटायर जवानों में एस बैठा, शिवपूजन बैठा, प्रकाश रजक और शत्रुघ्न शाह मौजूद थे. मिला सम्मान डीआइजी ने बताया कि टीम की मेहनत व एकजुटता की देन है कि राष्ट्रीय और बिहार आपदा प्रबंधन की टीम ने नेपाल में आये भूकंप में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया है. यह सम्मान पूरी टीम की है. इसकी घोषणा करते ही जवानों ने जमकर तालियां बजायीं.

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