मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि को नैक मूल्यांकन में जगह दिलाने के लिए यहां आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जायेगा. इसमें पीजी विभागों, सेंट्रल लाइब्रेरी व विवि परीक्षा भवन का जीर्णोद्धार कार्य भी शामिल है.
इसके लिए विशेष तौर पर एनआइटी पटना के आर्किटेक्ट बुलाये जायेंगे, जो सभी भवनों का निरीक्षण करेगी. निरीक्षण के बाद टीम प्रस्ताव तैयार कर विवि प्रशासन को सौंपेगी. इस संबंध में जल्द ही विवि प्रशासन एनआइटी के अधिकारियों को पत्र लिखेगी. एनआइटी के आर्किटेक्ट की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव को बाद में सेल के समक्ष रखा जायेगा, जहां से मंजूरी के बाद जीर्णोद्धार का कार्य कराया जायेगा. यह फैसला शनिवार को विवि कॉन्फ्रेंस हॉल में कुलपति डॉ रवि वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित आइक्यूएसी (इंटरनल क्वालिटी एस्योरेंस सेल) की बैठक में लिया गया.
उपलब्ध व जरूरी सुविधाओं की बनेगी सूची
नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन से पूर्व सभी पीजी विभागों में उपलब्ध जरूरी सुविधाओं का भी विकास किया जायेगा. इसके लिए विभागाध्यक्षों से उनके यहां उपलब्ध व जरूरी सुविधाओं की सूची मांगी जायेगी. सूची प्राप्त होने के बाद विवि की एक तीन सदस्यीय कमेटी सभी विभागों का दौरा कर अलग से रिपोर्ट तैयार करेगी. टीम के सदस्यों के चयन का अधिकार कुलपति को सौंपा गया है. यही नहीं पीजी विभागों के लाइब्रेरी को भी ऑनलाइन करने के लिए पहल की जायेगी.
बैठक में ये थे शामिल
विवि सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित कॉन्फ्रेंस रूम में आयोजित आइक्यूएसी की बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ रवि वर्मा ने की. इसमें कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, अंगरेजी विभागाध्यक्ष डॉ प्रमीला सिंह, राजनीतिशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ बीके सिन्हा, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ कुमकुम राय, एलएस कॉलेज प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव, एमएस कॉलेज मोतिहारी के प्राचार्य डॉ उपेंद्र कुंवर, डॉ बीबीपी सिन्हा, डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा, डॉ रत्नेश मिश्र, डॉ पीके सिन्हा, डॉ मधुर कुमार व सदस्य सचिव विकास अधिकारी डॉ कल्याण झा शामिल थे.