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मूल्यांकन निदेशक बने मुख्य परीक्षक!
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि में स्नातक पार्ट वन परीक्षा की कॉपियों की जांच के लिए परीक्षकों की जो सूची जारी की है, उसमें व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी व्याप्त है. परीक्षा विभाग ने एक ही व्यक्ति को अलग-अलग नाम से परीक्षक बनाये जाने का लेटर जारी कर दिया है. और तो और जिस व्यक्ति को […]
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि में स्नातक पार्ट वन परीक्षा की कॉपियों की जांच के लिए परीक्षकों की जो सूची जारी की है, उसमें व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी व्याप्त है. परीक्षा विभाग ने एक ही व्यक्ति को अलग-अलग नाम से परीक्षक बनाये जाने का लेटर जारी कर दिया है. और तो और जिस व्यक्ति को विज्ञान व कॉमर्स की कॉपियों की जांच के लिए निदेशक बनाया गया है,
उनके नाम से मुख्य परीक्षक का लेटर भी जारी कर दिया गया है. परीक्षकों की सूची में ऐसे नाम भी शामिल है, जो महीनों पहले रिटायर हो चुके हैं. इसका खुलासा कॉलेजों को भेजे जा रहे परीक्षकों की सूची से हुआ है. कॉपियों की जांच आठ दिसंबर से शुरू होनी है. इसके लिए शनिवार से योगदान लेने का सिलसिला शुरू हो गया है.
एलएस कॉलेज भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार सिन्हा को स्नातक पार्ट वन परीक्षा में विज्ञान व कॉमर्स विषय की कॉपियों की जांच के लिए मूल्यांकन निदेशक बनाया गया है. वहीं इसी कॉलेज के डॉ आरके सिन्हा के नाम से मुख्य परीक्षक का लेटर भी जारी किया गया है. विभाग में डॉ रणधीर कुमार सिन्हा को छोड़ कोई और डॉ आरके सिन्हा नहीं कार्यरत हैं.
कुछ ऐसा ही हाल राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ मंजरी वर्मा के साथ ही हुआ है. परीक्षा विभाग ने डॉ वर्मा के नाम से मुख्य परीक्षक तो डॉ एम वर्मा के नाम से को-एक्जामिनर का लेटर जारी किया है. परीक्षकों की सूची में एलएस कॉलेज इतिहास विभाग के डॉ बीएन सिंह का नाम भी शामिल हैं.
इस विभाग में इस नाम के एकमात्र शिक्षक डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह थे, जो पूर्व में ही रिटायर हो चुके हैं. राजनीति विज्ञान की कॉपियों की जांच के लिए एलएस कॉलेज से डॉ मनोज कुमार को परीक्षक बनाया गया है, जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति कॉलेज में कार्यरत नहीं है. मनोविज्ञान की कॉपियों की जांच के लिए एलएस कॉलेज के डॉ कुमारी वर्मा को परीक्षक बनाया गया है. इस नाम से भी कोई शिक्षक विभाग में नहीं है. पूर्व में इस विभाग में डॉ कामिनी वर्मा नाम की शिक्षक कार्यरत थीं.
एक व्यक्ति के नाम से जारी हुआ दो-दो लेटर
परीक्षा विभाग ने एक ही व्यक्ति को परीक्षक के रूप में दो-दो लेटर भी जारी किया है. एलएस कॉलेज रसायन विभाग के शिक्षक डॉ शैलेंद्र कुमार सिन्हा को डॉ शैलेंद्र कुमार, डॉ अरविंद कुमार को डॉ अरविंद कुमार व हिंदी विभाग के डॉ बीरेंद्र कुमार को डॉ वीके सिंह के नाम से भी लेटर जारी किया गया है.
सबसे रोचक मामला अंग्रेजी विषय के परीक्षकों की सूची में मिली है. विभाग ने एलएस कॉलेज से डॉ एसआर चतुर्वेदी, डॉ बीएस चतुर्वेदी व डॉ रंजन चतुर्वेदी को परीक्षक बनाया है, जबकि इस विभाग में चतुर्वेदी नाम के एक मात्र शिक्षक डॉ शिवरंजन चतुर्वेदी ही हैं.
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