मुजफ्फरपुर: छठ के मौके पर जिले में साढ़े तीन के केले की बिक्री हुई है. यह बिक्री पिछले वर्ष के व्यवसाय से दोगुनी है. फेलिन तूफान के बाद लोकल केले के नष्ट होने के बाद जिले के केले व्यापारियों ने इस बार असम व बंगाल से पिछले वर्ष से दोगुने केले की आपूर्ति की थी.
बाजार में इतनी अधिक मात्र में केला आ जाने से व्यवसायियों को माथे पर बल पड़ रहे थे. अनुमान था कि यदि छठ में बाजार से केला नहीं निकला तो उन्हें लाखों का घाटा उठाना पड़ेगा, लेकिन गुरुवार की शाम तक बाजार समिति से करीब डेढ़ करोड़ से अधिक का केला निकलने से उनकी शिकन कम हुई. अब उन्हें केले को स्टोर करने की जरूरत नहीं है.
बाजार समिति में उतरा था 46 ट्रक केला : बाजार समिति में छठ के लिए पिछले एक सप्ताह के दौरान असम व बंगाल से 46 ट्रक केला उतरा था. इसके अलावा हाजीपुर से 10 पिकअप वैन से केला आया था.
समिति के व्यापारी मुकेश ने बताया कि एक ट्रक में 1300 घौद केला आता है. बाजार समिति में ट्रक से 59 हजार 800 घौद केले उतारे गये हैं. इसके अलावा हाजीपुर से भी 10 पिकअप वैन से 2250 घौद केला आया है. स्थानीय बाजार में 62 हजार 50 घौद केला आया है. यहां उतारे गये केले में से करीब 20 ट्रक केले की खपत मोतिहारी, बेतिया व सीतामढ़ी में हुई है. वहां के व्यापारियों ने बड़े पैमाने में बाजार समिति से केले की खरीदारी की है.
महंगा बिका केला : आपूर्ति अधिक होने के बावजूद केले की कीमत कम नहीं हुई. पिछले वर्ष 200 रुपये घौद बिका केला 300 रुपये घौद बिका. केले का बाजार बेहतर होने के कारण व्यापारियों ने केले की कीमत से समझौता नहीं किया. बाजार समिति के व्यापारियों का कहना है कि यदि दूसरे जिलों में केले की आपूर्ति कम हुई होती तो 300 रुपये घौद वाले केले की कीमत 100 रुपये होती, लेकिन बाजार में केले का स्टॉक नहीं रहने के कारण केले के व्यवसाय में फर्क नहीं आया है.