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छह घंटे जाम रहा अखाड़ाघाट पुल

छह घंटे जाम रहा अखाड़ाघाट पुल फोटो : माधव 4 से 21 तक- सुबह दस से शाम चार बजे तक जाम रहा पुल – जाम में फंसे स्कूली वाहन व एंबुलेंस- पुल पर तैनात महिला सिपाही बनी रही मूकदर्शक- स्थानीय लोगों ने सिपाही से लाठी लेकर ट्रैफिक की संभाली कमान- सवारी छोड़ यात्री पैदल गये […]

छह घंटे जाम रहा अखाड़ाघाट पुल फोटो : माधव 4 से 21 तक- सुबह दस से शाम चार बजे तक जाम रहा पुल – जाम में फंसे स्कूली वाहन व एंबुलेंस- पुल पर तैनात महिला सिपाही बनी रही मूकदर्शक- स्थानीय लोगों ने सिपाही से लाठी लेकर ट्रैफिक की संभाली कमान- सवारी छोड़ यात्री पैदल गये गंतव्य स्थान की ओर – शहर में भी दिनभर रही जाम की स्थिति संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहर की लाइफ लाइन कहा जाने वाला अखाड़ाघाट पुल बुधवार को सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक जाम की जद में रहा. आलम यह था कि लोगों का पैदल पुल पार करना तक मुश्किल था. इस जाम में स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहन, एंबुलेंस भी फंसी थी. स्थिति यह हो गयी थी स्कूल से लौट रहे बच्चे बाइक पर ही सो गये. वहीं ऑटो में बैठे कुछ स्कूली छात्र अपना होमवर्क कर रहे थे. पुल के किनारे खड़ी महिला सिपाही मूकदर्शक बनी हुई थी. हाल यह हो गया कि पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. जो लोग सवारी गाड़ी में बैठे थे, उन्होंने गाड़ी से उतरकर पैदल किसी तरह पुल को क्रॉस किया. इसी दरम्यान कुछ स्थानीय लोगों ने बांस-फट‍्टा लेकर ट्रैफिक संभाला. इसी क्रम में एक व्यक्ति ने महिला सिपाही से उसका डंडा ले लिया और ट्रैफिक को चालू करया. इसी दरम्यान पुल पर एक ऑटो खराब हो गया और फिर कुछ ही देर में जाम की स्थिति पैदा हो गयी. इस पुल पर जाम लगने के कारण अचानक ट्रैफिक का दबाव जीराेमाइल की ओर बढ़ा तो वहां जाम की स्थिति हो गयी. इधर सिकंदरपुर मोड़, सरैयागंज, कंपनीबाग, जूरन छपरा सहित अन्य जगहों पर भी सुबह से शाम ट्रैफिक खिसकता रहा. ऑटो पर लगे लगाम, तभी खत्म होगा जामशहर में ऑटो की बढ़ती संख्या से जाम का संकट गहराता जा रहा है. शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहे पर अनधिकृत रूप से एक नया ऑटो स्टैंड बन गया है. इस कारण लोगों को आये दिन की जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ट्रैफिक पर तैनात जवान चौक-चौराहे पर रुकने वाले ऑटो को हटाने के बजाये वाहन के कागजात की जांच में लगे रहते हैं. लेकिन एक भी ऑटो चालकों के कागजात की जांच नहीं होती है. जबकि 80 फीसदी ऑटो चालकों के पास कॉमर्शियल लाइसेंस नहीं है. 50 प्रतिशत ऑटो चालकों के पास ऑटो के वैद्य कागजात नहीं हैं. ऑटो में सरेआम ओवरलोडिंग करते हैं. सवारी बैठाने को लेकर एक लेन के बजाये पूरे रोड पर दो से तीन लेन में चलते हैं. बीच सड़क पर जहां मन, वहां ऑटो रोककर सवारी को चढ़ाते-उतारते हैं. लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं होती है.

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