मुजफ्फरपुर :स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बहाली व पदस्थापन के मामले में सिविल सर्जन ने निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार को पत्र भेजकर जिले की स्थिति स्पष्ट कर दी है. सीएस का कहना है कि यहां किसी भी फर्जी कर्मी का पदस्थापन नहीं हुआ है. विभाग से 31 अगस्त को पत्रांक – 863 (4) से एक पत्र मिला था. उस पत्र के आलोक में किसी भी कर्मी ने यहां योगदान नहीं किया. इसके बाद 4 सितंबर को पत्रांक- 882(6) से एक पत्र मिला. इस पत्र के साथ सूची संलग्न थी. इसी के आधार पर यहां कर्मियों का योगदान करा लिया गया. यहां के लिए 115 एनएनएम मिली. ये सारे कर्मी 18 सितंबर तक योगदान कर चुके थे.
सीएस ने साफ कहा है कि जहां तक स्वास्थ्य निदेशालय स्तर से चयनित जीएएनएम, फार्मासिस्टों व अन्य पदों पर योगदान का सवाल है तो इन पदों पर निदेशालय से संपुष्टि होने के बाद ही योगदान कराया गया है. इनके वेतन व अन्य लाभ के भुगतान के लिए संबंधित निकासी व व्ययन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
जानकारी हो कि स्वास्थ्य विभाग में 150 कर्मियों की फर्जी बहाली हुई थी. 15 सितंबर को निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ आजाद सिंह प्रसाद ने सीएस को पत्र भेज कर फर्जी बहाली की सूचना दी. ऐसे कर्मियों का योगदान नहीं कराने का आदेश दिया था. बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बहाली का बड़ा रैकेट काम कर रहा है. लेकिन, यह किसी की पकड़ में नहीं आ रहा है. यह फर्जीवाड़ा बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता की बहाली में हुई है.