10 मई 2011 को गोबरसही स्थित एसबीआइ एडीबी शाखा के सिस्टम को हैक कर साइबर अपराधियों के गैंग ने मुंबई स्थित एरिस्टो फॉरमाटय़ूक्लस के खाते से 12.50 करोड़ रुपये का आरटीजीएस प्रणाली के तहत ट्रांसफर किया गया था. इसमें से 12 करोड़ रुपये रांची स्थित महारानी ऑटो मोबाइल्स के खाते में ट्रांसफर हुए थे. जबकि 50 लाख रुपये की निकासी शहर के भगवानपुर स्थित ंिसडिकेट बैंक के खाताधारी शिव शक्ति ट्रेडर्स खाते से निकाले गये थे.
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12.50 करोड़ के साइबर फ्रॉड में नाथानी को जमानत
मुजफ्फरपुर : गोबरसही स्थित एसबीआइ एडीबी शाखा में हुए 12.50 करोड़ के साइबर फ्रॉड मामले में तीन साल से जेल में बंद आरोपी गोपी कृष्ण नाथानी को रांची हाइकोर्ट से 28 अगस्त को जमानत मिली है. पक्की सराय चमरा गोदाम गली निवासी गोपी कृष्ण नाथानी के ऊपर सीबीआइ ने कोर्ट में दायर चाजर्सीट में ंिसडिकेट […]
मुजफ्फरपुर : गोबरसही स्थित एसबीआइ एडीबी शाखा में हुए 12.50 करोड़ के साइबर फ्रॉड मामले में तीन साल से जेल में बंद आरोपी गोपी कृष्ण नाथानी को रांची हाइकोर्ट से 28 अगस्त को जमानत मिली है. पक्की सराय चमरा गोदाम गली निवासी गोपी कृष्ण नाथानी के ऊपर सीबीआइ ने कोर्ट में दायर चाजर्सीट में ंिसडिकेट बैंक से 50 लाख रुपया निकालने व ंिसडिकेट बैंक में शिव शक्ति ट्रेडर्स का खाता संख्या उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था. जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. जिसमें आरोपी की ओर से अधिवक्ता महेश तिवारी और सीबीआइ की ओर से कैलाश प्रसाद देव ने अपना पक्ष रखा था.
केस के ट्रायल में सहयोग करने को लेकर जमानत को मंजूर की. मामले में 17 अक्तूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी के अपील को खारिज करते ट्रायल कोर्ट में जाने का आदेश दिया था. इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार की देर शाम बेल के आधार पर आरोपी मंगलवार की शाम रांची के होटवार बिरसामुंडा कारा से बाहर निकले.
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