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नियमों के तहत है संयुक्त प्रवेश परीक्षा का फैसला
मुजफ्फरपुर: सत्र 2015-17 से बीएड कोर्स में नामांकन संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर लेने के फैसले के विरोध को विवि प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है. राजभवन को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में इसे सही व नियमानुकूल बताया है. विवि प्रशासन की ओर से कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने यह रिपोर्ट भेजी […]
मुजफ्फरपुर: सत्र 2015-17 से बीएड कोर्स में नामांकन संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर लेने के फैसले के विरोध को विवि प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया है. राजभवन को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में इसे सही व नियमानुकूल बताया है. विवि प्रशासन की ओर से कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने यह रिपोर्ट भेजी है. इसके अनुसार, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) के नियमों के तहत राज्य सरकार व संबद्धता देने वाली संस्था को प्रवेश परीक्षा लेने का अधिकार है.
गौरतलब है कि बीएड कॉलेजों के संघ ने राजभवन को आवेदन देकर इस पर आपत्ति जतायी थी. संघ की आपत्ति कोर्स के फी व विवि की ओर से कॉलेजों की मॉनिटरिंग के लिए ली जाने वाली शुल्क पर भी था. इन दोनों आपत्तियों को भी सिरे से खारिज कर दिया गया है. विवि प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संघ के अनुसार कोर्स की मॉनीटरिंग के लिए 15 प्रतिशत शुल्क निर्धारित किया गया है, जबकि अभी तक इसके लिए कोई राशि नहीं तय की गयी है. कॉलेजों से सिर्फ प्रवेश परीक्षा, उसकी कॉपियों की जांच आदि में लगने वाले खर्च की राशि ही ली जायेगी. जहां तक दो वर्षीय कोर्स के लिए 1,35,500 रुपये लिये जाने की बात है तो विवि प्रशासन के अनुसार, इसे बीएड कोर्स के ऑर्डिनेंस में शामिल है. इसके लिए एकेडमिक कौंसिल व सिंडिकेट की भी मंजूरी ली गयी है. ऐसे में गड़बड़ी की आशंका बेबुनियाद है.
विवि प्रशासन ने पहली बार खुद से संबद्ध चौबीस बीएड कॉलेजों में नामांकन संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर लेने का फैसला लिया है. प्रवेश परीक्षा 27 जून को संभावित है, जिसके लिए फॉर्म 30 मई से 15 जून तक विवि काउंटर व संबंधित कॉलेजों में मिलेगा.
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