संवाददाता, मुजफ्फरपुरपूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जय नारायण निषाद अपनी पुरानी याद ताजा करते हुए बताया कि 1934 में भूकंप आया. तो वे अपने आंगन में दही-चूड़ा खा रहे थे. उस समय उनकी उम्र बारह साल की थी. डेढ़ बजे दिन में भूकंप आया. आकाश में बादल छाया हुआ था. लोगों को जब तक कुछ समझ में आता अधिकांश घर धरासायी हो गया था. उस समय मुजफ्फरपुर इसका केंद्र था. जबकि इस बार नेपाल मुख्य केंद्र रहा. इसके वजह से यहां क्षति कम हुआ है. 1934 के भूकंप में कभी बाये तो कभी दाये से झटका मारता था. इसे नुकसान अधिक हुआ था. भगवान का शुक्रगुजारमुजफ्फरपुर. सांसद अजय निषाद ने कहा कि भूकंप के इतने तीव्र झटके के बाद भी आंशिक नुकसान हुआ. वे भगवान का शुक्रगुजार है. जो आंशिक क्षति हुई है. उसी रिपोर्ट आने के बाद सरकार से उसके क्षति पूर्ति की मांग करेंगे. वहीं घायलों को इलाज कराने का खर्च व मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा के लिए सरकार से मांग करेंगे. सांसद ने बताया कि जिस समय भूकंप आया वे उस वक्त राम दयालु में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद अपने गाड़ी से घर लौट रहा था. गाड़ी में बैठने के बाद घर से फोन आया कि जहां है वहीं रूक जाइये भूकंप आया है. प्राकृतिक आपदा हैमुजफ्फरपुर. राज्य सभा सांसद अनिल सहनी ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है. प्रभु की कृपा है कि अधिक नुकसान नहीं हुआ. कुछ लोगों की मौत व घायल होने की बात आयी है. जो दुखद है. जो नुकसान हुआ है उसके क्षति पूर्ति के लिए संसद में आवाज उठायेंगे और राज्य सरकार से भी उचित मुआवजे की मांग करेंगे.
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1934 के भूकंप का केंद्र था मुजफ्फरपुर
संवाददाता, मुजफ्फरपुरपूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जय नारायण निषाद अपनी पुरानी याद ताजा करते हुए बताया कि 1934 में भूकंप आया. तो वे अपने आंगन में दही-चूड़ा खा रहे थे. उस समय उनकी उम्र बारह साल की थी. डेढ़ बजे दिन में भूकंप आया. आकाश में बादल छाया हुआ था. लोगों को जब तक कुछ समझ […]
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