मुजफ्फरपुर: लघु जल संसाधन मंत्री मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि एस्सेल व एनबीपीडीसीएल को बिजली की हालत में सुधार के लिए दस दिनों की मोहलत दी गयी है. अगर 10 दिनों में शहर से लेकर गांव तक बिजली आपूर्ति, बिजली बिल, जजर्र तार की स्थिति में सुधार नहीं करती है तो इस मुद्दे को कैबिनेट में लाया जायेगा. इसके बाद जो भी संभव हो, कंपनियों पर कार्रवाई की जायेगी. यहां तक कि कम से कम मुजफ्फरपुर क्षेत्र से इसे हटाया जा सकता है.
मंत्री श्री सिंह शनिवार को स्थानीय परिषद में एस्सेल, एनबीपीडीसीएल के अधिकारियों के साथ बिजली की हालत की समीक्षा कर रहे थे. मंत्री ने कहा, ग्रामीण क्षेत्र में सीएम की घोषणा के बाद भी मात्र आठ से 10 घंटे ही बिजली आपूर्ति की जाती है. शहर में 16 से 18 घंटे बिजली रहती है. ऐसे में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती है. सभी अधिकारियों से फीडर वाइज बिजली आपूर्ति की सूची मांगी गयी है.
ग्रामीण इलाकों में एलएनटी को ट्रांसफॉर्मर बदलने का जिम्मा दिया गया है. दीन दयाल उपाध्याय योजना से 16 व 25 केवी का सारा ट्रांसफॉर्मर बदल देना है. जिले में करीब छह सौ ट्रांसफॉर्मर ऐसे हैं जिन्हें बदलने की जरू रत है. इस पर कार्रवाई का आदेश दिया है. इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. एस्सेल व एनबीपीडीसीएल के सभी कार्यो की समीक्षा फिर 10 दिनों बाद की जायेगी. इसके बाद कार्रवाई तय है.
मंत्री ने कहा, दीन दयाल उपाध्याय योजना से सोनबरसा में एक पावर सब स्टेशन बनाना है. यह कार्य प्रक्रियाधीन है. केरमा व चढ़ुआ के बीच गैस से चलने वाले एक सब स्टेशन बनेगा. यह कम जगह में बेहतर काम करेगा. इस कार्य को इसी वित्त वर्ष में पूरा कर लेना है. कोताही बरतने पर गंभीर परिणाम निकलेंगे.