इसी खुन्नस में उसकी हत्या की साजिश रची गयी. इस हत्याकांड में भाड़े का शूटर का इस्तेमाल किया गया. 16 अप्रैल 2014 को लक्ष्मी चौक के निकट आकाश की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. यह भी कहा जा रहा है कि शूटर के तौर पर राजनाथ का इस्तेमाल किया गया था. उसकी हत्या भी पंद्रह दिन पूर्व कर दी गयी.
पुलिस का कहना है कि रमेश लंबे समय से फरार चल रहा था. वह मुंगेर से हथियार लाकर पवन गिरोह को सप्लाइ करता है. साहेबगंज के रहने वाले भैरव त्रिपाठी उर्फ मास्टर से भी उसके गहरे संबंध है. फिलहाल मास्टर जेल में बंद है. वह अक्सर सुमन व मास्टर से जेल में मिलने जाता था. उसने सत्यनारायण अपहरण में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. पूर्व में भी वह मुंगेर पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. यहां बता दें कि गुरु ब्रrापुरा थाना क्षेत्र के झिटकहियां का रहने वाला है. थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन ने उसे घर से ही एक देशी पिस्तौल व 7.65 एमएम का दस जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था.