मुजफ्फरपुरा: नकली वोटर आइ कार्ड बनाने का काम शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में धड़ल्ले से चल रहा है. सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ग्रामीण इलाके में सबसे अधिक ठगी हो रही है. कुछ इस तरह का खेल सरैया प्रखंड के अजितपुर ग्राम पंचायत निवासी नागेश्वर दास के साथ हुआ. इनका घरेलू नाम लांगर दास के नाम से पंचायत के मुखिया ने नकली वोटर आई कार्ड बना दिया. सोमवार को निर्वाचन कार्यालय पहुंचे नागेश्वरदास व उसकी पत्नी लीला देवी ने उप निर्वाचन पदाधिकारी को बताया कि उनसे मुखिया ने पांच सौ रुपये लेकर कार्ड बनाया.
जब हम वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन देने प्रखंड मुख्यालय पहुंचे तो बीडीओ साहब ने बताया कि इस पर काम नहीं होगा. तुम्हारा कार्ड नकली है. प्रशासन के बुलावे पर सुनवाई के लिए पहुंची लीला देवी ने बताया कि उसके पास दो वोटर आई कार्ड था, जिसमें से एक मुखिया ने ले लिया, और इसी का लोगो निकाल कर वोटर कार्ड बना दिया. उप निर्वाचन पदाधिकारी ने सरैया बीडीओ को मामले की जांच के निर्देश दिये हैं.
मालूम हो कि शहरी क्षेत्र में भी नकली वोटर आइ कार्ड बनाया जाता है. साइबर कैफे से लेकर फोटो स्टेट की दुकान में आसानी से वोटर कार्ड बन रहे हैं. इसके शिकार कम पढ़े लिखे लोग होते हैं. यही नहीं लोगों को संतुष्ट करने के लिए वोटर लिस्ट भी दिखायी जाती है. वोटर कार्ड बनाने के एवज में पांच से छह सौ रुपये तक लिया जाता है.
वोटर को यूजर आइडी कार्ड बनाने का निर्देश
जिले के बीएलओ को यूजर कार्ड बनाने के लिए अपर समाहर्ता विभागीय जांच सह जिला निर्वाचन कार्यालय वरीय प्रभारी पदाधिकारी ने सहायक निर्वाचन पदाधिकारी को बेतार संवाद भेजा है, जिसमें बताया गया है कि यूजर आइडी कार्ड बनाने के लिए बार – बार स्मार पत्र देने के बावजूद नहीं बनाया जा रहा है. मालूम हो कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हर हाल में 31 अगस्त से पहले यूजर आइ कार्ड बना लेना है. आयोग ने हाल में ही बढ़े 78 बूथ के बीएलओ के प्रतिनियुक्ति का भी निर्देश दिया है.