मुजफ्फरपुर: नगर के उर्दू मध्य विद्यालय सादपुरा बालक में अनियमितता सामने आयी है. मूक बधिर बच्चों की पढ़ाई के लिए श्रवण यंत्र का होना अनिवार्य है, लेकिन केंद्र संचालक राजेश किरण ने आज तक यंत्र बच्चों को यंत्र उपलब्ध नहीं कराया. जबकि केंद्र का संचालन अप्रैल के अंतिम सप्ताह से हो रहा है.
सभी सामग्रियों की खरीदारी के नाम पर केंद्र संचालक ने राशि की तो निकासी कर ली, लेकिन खर्च का हिसाब नहीं दिया. स्थिति यह है कि बच्चों को अभी तक पोशाक भी नहीं दी गयी. डीपीओ एसएसए जियाउल होदा खां की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रशिक्षण के दौरान स्कूल में दस बजे दिन के बदले बच्चों को दोपहर में खाना दिया गया.
स्कूल के क्रियाकलाप पर आपत्ति
डीपीओ ने स्कूल के क्रियाकलाप से जुड़े आठ बिंदुओं पर आपत्ति की है. यहां वित्तीय मामलों में भी नियमों की खूब अनदेखी की गयी है. अनियमितता बरतने के लिए नगर क्षेत्र के उर्दू मवि सादपुरा बालक के 180 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के केंद्र प्रभारी सह संसाधन शिक्षक से स्पष्टीकरण किया गया है. यहां मूक बाधिर बच्चों के लिए छह महीने का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा था. पत्र के अनुसार, निरीक्षण के दिन तक दो किस्तों (प्रथम किस्त 1 लाख व द्वितीय किस्त 2 लाख) तीन लाख रुपये की निकासी की जा चुकी है. प्रथम किस्त में निर्गत राशि का हिसाब दिये बिना ही केंद्र ने दो लाख रुपये की निकासी कर ली.
स्कूलों में राशि का स्टॉक नहीं
निरीक्षण के समय राशन का स्टॉक नहीं पाया गया. दैनिक उपयोग की सामग्रियों का क्रय प्रतिदिन किया जाता है. बच्चों को दिन का भोजन मध्याह्न् भोजन में दिया जाता है. सिर्फ सुबह, शाम व रात्रि का भोजन केंद्र की ओर से बनवाया जाता है. जबकि मध्याह्न् भोजन देने का कोई प्रावधान नहीं है.