मुजफ्फरपुर: सरकार के निर्देश के बाद भी नगर निगम प्रशासन शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सजग नहीं है. आठ माह पहले सरकार ने कई दिशा-निर्देश दिये थे. इसके लिए स्वच्छता कार्यदल का गठन करना मुख्य था. तय हुआ था कि यह दल शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर विशेष योजना पर कार्य करेगा, लेकिन निगम प्रशासन ने अभी तक दल का ही गठन नहीं किया. दूसरी तरफ सरकार ने ही निगम को इसका कार्यरूप भी भेज दिया था.
प्रत्येक महीने होनी है बैठक
नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से दिसंबर 2012 में निर्देश प्राप्त हुआ था. उस वक्त सरकार के संयुक्त सचिव अरविंद कुमार सिंह ने अविलंब स्वच्छता दल का गठन कर सरकार को सूचित करने की बात कही थी. निर्देश के तहत प्रत्येक माह दो बार स्वच्छता दल की बैठक करनी है. सरकार ने निगम प्रशासन को प्रथम बैठक कर नगर स्वच्छता योजना के सुझाव को विशेषज्ञ एजेंसी तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन आठ महीने गुजर जाने के बाद भी निगम प्रशासन शिथिल पड़ा है.
हर माह बनानी है योजना
कार्यदल का गठन कर हर महीने शहर की सफाई व्यवस्था पर चर्चा करनी है. अभी शहर की नारकीय स्थिति है. मेयर से लेकर अभियंता तक को शहर की सफाई को लेकर कार्य योजना बनानी है. इसमें गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक की सफाई पर भी ध्यान देने की बात है.
क्या है सेनिटेशन प्लान
सरकार की ओर से संवर्धन कार्यक्रम के तहत नगर स्वच्छता योजना का निर्माण किया गया है. यह कार्य नियुक्त विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा राष्ट्रीय नगर स्वच्छता नीति के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है. नगर स्वच्छता योजना में नगर की वर्तमान सफाई व्यवस्था, जलजमाव, गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल की स्थिति, निजी व सार्वजनिक शौचालयों की संख्या व रखरखाव की व्यवस्था के साथ नगर को पूर्ण रुप से स्वच्छ बनाने के लिए कार्य योजना तैयार करना है. स्वच्छता नीति के प्रावधानों के अनुसार नगर स्वच्छता कार्यदल गठित किया जाना है. कार्यदल का हर माह दो बार होने वाली बैठक में कार्ययोजना में लगने वाले धनराशि के संभावित श्रोत की जानकारी देनी है.
बैठक में इन्हें होना है शामिल
मेयर (अध्यक्ष), नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता (नगर निगम), स्वास्थ्य पदाधिकारी (नगर निगम), पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता, कार्यपालक अभियंता बिहार राज्य जल परिषद, जन जागरूकता कार्य करने वाली संस्था के प्रतिनिधि, आवासीय कल्याण समिति के प्रतिनिधि, व्यावसायिक प्रतिष्ठान के संगठन के प्रतिनिधि, सफाई कर्मचारी के संगठन के प्रतिनिधि, शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व शहर के प्रबुद्ध नागरिकों को सदस्य के रूप में शामिल करना था.