राष्ट्रीय युवा मंच के संस्थापक अध्यक्ष संजीव कुमार झा ने बताया कि स्कूल संचालकों की मनमानी के विरूद्ध यह निर्णय लिया गया है. री एडमिशन चाजर्, मनमाना जनरेटर शुल्क, मिसलेनियस चाजर्, विकास शुल्क, अर्धवार्षिक शुल्क आदि के नाम पर अभिभावकों का दोहन किया जाता है.
एनसीइआरटी की किताब की जगह दूसरे प्रकाशन की किताबें खरीदने पर रोक लगना चाहिए. स्कूल का ड्रेस कोड बदल दिया जाता है इसकी सूचना अभिभावकों को नहीं मिलती है. वहीं फीस में देरी पर लेट फाइन लेने के बावजूद भी बच्चों को स्कूल में प्रार्थना से बाहर कर दिया जाता है, इस पर रोक लगनी चाहिए. स्कूल ड्रेस, कॉपी निर्धारित जगहों व विद्यालय से लेने पर रोक लगाने का मुद्दा भी शामिल है. इसके साथ ही शिक्षा के अधिकार कानून को शत प्रतिशत लागू करने सहित 11 मांगों को लेकर वे आमरण अनशन पर बैठेंगे. जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा तब तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा.