इसमें एइएस व स्वाइन फ्लू के अलावा डेंगू, चिकनगुनिया, इन्फ्लुएंजा, रैबीज, खसरा, हेपेटाइटिस, योलो फीवर, पोलियो, चेचक, एड्स आदि तमाम वायरल बीमारियों की जांच होगी. इसमें कई बीमारी ऐसी है जिसकी जांच की व्यवस्था मेडिकल कॉलेज में नहीं है. एइएस व स्वाइन फ्लू की जांच के लिए तो संदिग्ध मरीजों को या तो पटना के आरएमआरआइ जाना पड़ता है या जांच के लिए वहां सैंपल भेजना पड़ता है. इस लैब के खुल जाने से इन बीमारियों की जांच यहीं होने लगेगी.
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घातक बीमारियों की जांच का एसकेएमसीएच में खुलेगा वायरोलॉजी लैब
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में खतरनाक एइएस व स्वाइन फ्लू से होने वाली बीमारियों की जांच के लिए जल्द ही माइक्रोबायलॉजी विभाग में वायरोलॉजी लैब खुलेगा. तकरीबन सवा करोड़ की लागत से खुलने वाली यह लैब उत्तर बिहार की पहली मॉडर्न लैब होगी. इसमें एइएस व स्वाइन फ्लू के अलावा डेंगू, चिकनगुनिया, इन्फ्लुएंजा, रैबीज, खसरा, हेपेटाइटिस, योलो […]
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में खतरनाक एइएस व स्वाइन फ्लू से होने वाली बीमारियों की जांच के लिए जल्द ही माइक्रोबायलॉजी विभाग में वायरोलॉजी लैब खुलेगा. तकरीबन सवा करोड़ की लागत से खुलने वाली यह लैब उत्तर बिहार की पहली मॉडर्न लैब होगी.
प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी
एसकेएमसीएच में वायरोलॉजी लैब के लिए प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुकी है. इसे प्रिंसिपिल चैंबर के बगल वाली बिल्डिंग के ऊपर बनवाया जायेगा. मेडिकल कॉलेज को यह तोहफा गत वर्ष जून महीने में एइएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) जैसी रहस्यमयी बीमारी के प्रकोप की खबर पर निरीक्षण को आये तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की पहल पर मिला है.
संवेदनशील होगा बायो सेफ्टी
मेडिकल में वायरोलॉजी लैब अगले साल 2016 से काम करने लगेगी. इसके सिविल कंस्ट्रक्शन में छह से नौ महीने का समय लग सकता है. जानकार बताते हैं कि भले ही इस लैब की स्थापना से वायरल डिजिज के मरीजों को राहत मिलने लगेगी. एइएस के अलावा स्वाइन फ्लू के एच-1 एन-1 संक्रमण के अलावा 10 से 15 प्रकार के वायरल की जांच हो सकती है.
कहते हैं विशेषज्ञ
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार मिश्र ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की योजना के तहत मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब खुलनी है. इसमें एइएस व स्वाइन फ्लू सहित डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, एड्स आदि की जांच हो सकेगी. लैब की स्थापना के लिए स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर आइसीएमआर को स्थल चयन की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. जल्द ही अन्य प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है.
मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब का होना बहुत जरूरी है. एइएस के प्रकोप के कारण इसके लिए पहल की गयी थी. नतीजतन इस लैब की स्थापना के लिए स्वीकृति मिली. स्थल चयन की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. इसके बनने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.
डॉ. उषा शर्मा, प्रभारी प्राचार्या, एसकेएमसीएच
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